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Wednesday 20 August 2025 03:08:24 PM
नई दिल्ली। चीन की कम्युनिस्ट पार्टी के पोलित ब्यूरो के सदस्य और चीन के विदेश मंत्री वांग यी ने नई दिल्ली में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से भेंट की। प्रधानमंत्री ने इस मुलाकात को एक्स पर साझा किया और विदेश मंत्री वांग यी से मिलकर खुशी व्यक्त की। प्रधानमंत्री ने कहाकि पिछले साल कज़ान में चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग से उनकी मुलाक़ात केबाद से भारत-चीन संबंधों में एक दूसरे के हितों और संवेदनशीलता के सम्मान केसाथ निरंतर प्रगति हुई है। नरेंद्र मोदी ने कहाकि मैं तियानजिन में होने वाले शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) शिखर सम्मेलन में अगली मुलाक़ात का बेसब्री से इंतज़ार कर रहा हूं। उन्होंने कहाकि भारत और चीन केबीच स्थिर, विश्वसनीय और रचनात्मक संबंध क्षेत्रीय और वैश्विक शांति एवं समृद्धि में महत्वपूर्ण योगदान देंगे। अंतर्राष्ट्रीय कूटनीतिक विश्लेषकों की राय में अमरीकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की तेल और टैरिफ नीति की विफलता से पैदा हुए गंभीर विवाद के बाद भारत की रूस से बढ़ी निकटता से यह एशिया में कूटनीतिक उलटफेर है, जिसमें यह भारत के चीन पर टूटे भरोस पर फिर से भारत का भरोसा बढ़ रहा है।
चीन के विदेश मंत्री वांग यी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को एससीओ शिखर सम्मेलन केलिए चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग का संदेश और निमंत्रण दिया। उन्होंने प्रधानमंत्री से विदेश मंत्री डॉ एस जयशंकर केसाथ हुई द्विपक्षीय बैठक और विशेष प्रतिनिधियों की 24वीं बैठक के बारेमें अपने सकारात्मक मूल्यांकन को भी साझा किया। उन्होंने अपनी यात्रा के दौरान राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल केसाथ इस बैठक की सह अध्यक्षता की। प्रधानमंत्री ने भारत-चीन सीमा पर शांति बनाए रखने के महत्व पर जोर दिया और सीमा प्रश्न के निष्पक्ष, तर्कसंगत और आपसी रूपसे स्वीकार्य समाधान केलिए भारत की वचनबद्धता दोहराई। प्रधानमंत्री ने पिछले वर्ष कजान में चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग केसाथ अपनी बैठक केबाद से द्विपक्षीय संबंधों में स्थिर और सकारात्मक प्रगति का स्वागत किया। ये संबंध आपसी सम्मान, आपसी हित और आपसी संवेदनशीलता से निर्देशित हैं, इसमें कैलाश मानसरोवर यात्रा की बहाली भी शामिल है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एससीओ शिखर सम्मेलन के निमंत्रण केलिए राष्ट्रपति शी जिनपिंग को धन्यवाद दिया और अपनी स्वीकृति प्रदान की। उन्होंने एससीओ शिखर सम्मेलन में चीन की अध्यक्षता केलिए समर्थन व्यक्त किया। नरेंद्र मोदी ने कहाकि वह तियानजिन में राष्ट्रपति शी जिनपिंग से मिलने केलिए उत्सुक हैं। इससे पहले राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल ने दिल्ली के हैदराबाद हाउस में चीन के विदेश मंत्री वांग यी से मुलाकात की। चीनी विदेश मंत्री वांग यी केसाथ बैठक के दौरान एनएसए अजीत डोभाल ने कहाकि एक सकारात्मक रुझान देखने को मिला है, सीमाओं पर शांति रही है। उन्होंने कहाकि हमारे द्विपक्षीय संबंध और भी मज़बूत हुए हैं और हम अपने नेताओं केप्रति अत्यंत आभारी हैं, जो पिछले अक्टूबर में कज़ान में एक नया चलन स्थापित करने में सफल रहे और तबसे हमें इससे बहुत लाभ हुआ है। एनएसए अजीत डोभाल ने कहाकि जो नया माहौल बना है, उससे हमें उन विभिन्न क्षेत्रों में आगे बढ़ने में मदद मिली है, जिनपर हम काम कर रहे हैं।
भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर और वांग यी ने इस बात पर ज़ोर दियाकि भारत और चीन के संबंध तीन परस्पर मूल्यों-पारस्परिक सम्मान, पारस्परिक संवेदनशीलता और पारस्परिक हित द्वारा सर्वोत्तम रूपसे निर्देशित होते हैं। उन्होंने कहाकि हम अपने संबंधों के कठिन दौर से आगे बढ़ना चाहते हैं, इसलिए इसके लिए दोनों पक्षों की ओरसे एक स्पष्ट और रचनात्मक दृष्टिकोण की आवश्यकता है। उन्होंने कहाकि हमारे आर्थिक और व्यापारिक मुद्दों, तीर्थयात्राओं, लोगों केबीच संपर्क, नदी डेटा साझाकरण, सीमा व्यापार, संपर्क और द्विपक्षीय आदान प्रदान पर उपयोगी बातचीत हुई। विदेश मंत्री एस जयशंकर और वांग यी ने वैश्विक और क्षेत्रीय मुद्दों पर भी विचारों का आदान प्रदान किया। उन्होंने विश्वास व्यक्त कियाकि ये चर्चाएं भारत और चीन केबीच एक स्थिर, सहयोगात्मक और दूरदर्शी संबंध बनाने में योगदान देंगी।