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रक्षामंत्री ने किया अंतरिक्ष वीरों को सम्मानित

भारत के रत्न और राष्ट्रीय आकांक्षाओं के अग्रदूत हैं ये गगनयात्री

गगनयान जैसे अभियानों के लिए भारत पूरी तरह तैयार है-रक्षामंत्री

स्वतंत्र आवाज़ डॉट कॉम

Sunday 24 August 2025 04:41:30 PM

defense minister honored space heroes

नई दिल्ली। रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने आज नई दिल्ली में समारोहपूर्वक इसरो के पहले अंतरिक्ष उड़ान मिशन गगनयान का हिस्सा रहे ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला, ग्रुप कैप्टन पीबी नायर, ग्रुप कैप्टन अजीत कृष्णन और ग्रुप कैप्टन अंगद प्रताप को सम्मानित किया। रक्षामंत्री ने चारों गगनयात्रियों को देश के रत्न और राष्ट्रीय आकांक्षाओं का अग्रदूत बताया। अंतरिक्ष में भारत की बढ़ती उपस्थिति पर राजनाथ सिंह ने कहाकि हम अंतरिक्ष को केवल अनुसंधान के क्षेत्रके रूपमें नहीं, बल्कि कलकी अर्थव्यवस्था, सुरक्षा, ऊर्जा और मानवता के भविष्य के रूपमें देखते हैं। उन्होंने कहाकि हम पृथ्वी की सतह से आगे बढ़कर अंतरिक्ष की नई सीमाओं में लगातार आगे बढ़ रहे हैं, हम चंद्रमा से लेकर मंगल तक अपनी उपस्थिति दर्ज करा चुके हैं और आज देश गगनयान जैसे अभियानों केलिए पूरी तरह तैयार है।
रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने इस उपलब्धि को केवल एक तकनीकी उपलब्धि नहीं, बल्कि आत्मनिर्भर भारत में एक नया अध्याय बताया। उन्होंने कहाकि भारत विश्‍व की अग्रणी अंतरिक्ष शक्तियों में गर्व से ऊंचा स्थान रखता है। उन्होंने कहाकि भारत का अंतरिक्ष कार्यक्रम केवल प्रयोगशालाओं और प्रक्षेपण यान तक ही सीमित नहीं है, यह हमारी राष्ट्रीय आकांक्षाओं और वैश्विक दृष्टिकोण का प्रतिबिंब है। उन्होंने कहाकि चंद्रयान से लेकर मंगलयान तक हमने यह दिखाया हैकि सीमित संसाधनों केसाथ भी असीमित इच्छाशक्ति सबसे चुनौतीपूर्ण लक्ष्यों को उल्लेखनीय उपलब्धियों में बदल सकती है। राजनाथ सिंह ने बतायाकि अंतरिक्ष से प्राप्त प्रौद्योगिकियां चाहे वह संचार उपग्रह हो, मौसम की निगरानी हो या आपदा प्रबंधन, भारत के हर गांव और हर खेत तक सेवाएं पहुंचा रही हैं। उन्होंने कहाकि भारत अंतरिक्ष की यात्रा में पीछे नहीं रह सकता, आनेवाले समय में अंतरिक्ष में खनन, गहन अंतरिक्ष अन्वेषण और ग्रहीय संसाधन मानव सभ्यता की दिशा को पुनर्परिभाषित करेंगे।
रक्षामंत्री ने कहाकि विश्‍व एक ऐसे युग में प्रवेश कर चुका है, जहां अंतरिक्ष अब केवल सैन्य शक्ति या तकनीकी कौशल का प्रतीक नहीं, बल्कि मानव सभ्यता की सामूहिक यात्रा का एक नया पड़ाव है। उन्होंने कहाकि भारत ने हमेशा विश्‍व को वसुधैव कुटुम्बकम का संदेश दिया है और आज हमारे वैज्ञानिक और अंतरिक्ष यात्री इसी संदेश को नई ऊंचाइयों पर ले जा रहे हैं। ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला की सफल अंतरिक्ष मिशन केलिए सराहना करते हुए राजनाथ सिंह ने उनके दृढ़ संकल्प और साहस केबारे में बताया। उन्होंने कहाकि ढाई साल का प्रशिक्षण मात्र ढाई महीने में पूरा करके ग्रुप कैप्टन शुक्ला की उल्लेखनीय उपलब्धि उनके व्यक्तिगत समर्पण और भारतीय जनता की दृढ़ता को दर्शाती है, उनकी यह असाधारण उपलब्धि केवल एक तकनीकी उपलब्धि नहीं है, बल्कि यह विश्वास और समर्पण का संदेश है। राजनाथ सिंह ने कहाकि यह केवल भारत का गौरव ही नहीं, बल्कि संपूर्ण मानवता की प्रगति का प्रमाण है।
रक्षामंत्री ने ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला को नागरिक सैन्य समन्वय का प्रतीक बताया। उन्होंने कहाकि वे भारतीय वायुसेना की वर्दी पहनते हैं, लेकिन अंतरिक्ष में उनकी यात्रा केवल सशस्त्र बलों या भारत की ओर से नहीं, बल्कि समस्त मानवता के प्रतिनिधि के रूपमें थी। उन्होंने कहाकि इस ऐतिहासिक मिशन के माध्यम से नागरिक क्षेत्रमें उनका योगदान इतिहास में सदैव दर्ज रहेगा। अंतरिक्ष यात्रियों को शारीरिक, मानसिक, भावनात्मक और मनोवैज्ञानिक रूपसे तैयार करने की आवश्यकता पर ज़ोर देते हुए राजनाथ सिंह ने इस प्रशिक्षण में इंस्टीट्यूट ऑफ एयरोस्पेस मेडिसिन की महत्वपूर्ण भूमिका पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहाकि ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला इस संस्थान की सफलता का एक ज्वलंत उदाहरण हैं। कार्यक्रम में ग्रुप कैप्टन शुक्ला ने एक्सिओम मिशन 4 के तहत अंतर्राष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन की यात्रा के अपने असाधारण अनुभव को साझा किया। सम्मान समारोह में चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ जनरल अनिल चौहान और वायुसेना प्रमुख एयरचीफ मार्शल एपी सिंह भी उपस्थित थे।

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