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आईजीएनसीए में दुर्लभ गणेश मूर्तियों की प्रदर्शनी

प्रदर्शनी में सुप्रसिद्ध कलाकार के विश्वनाथन की पेंटिंग्स भी प्रदर्शित

प्रदर्शनी का शीर्षक है-'विघ्नेश्वर कुटुम्ब: गणेश और उनका परिवार'

स्वतंत्र आवाज़ डॉट कॉम

Thursday 28 August 2025 12:06:29 PM

rare ganesha idols on display at ignca

नई दिल्ली। इंदिरा गांधी राष्ट्रीय कला केंद्र में गणेश चतुर्थी पर एक विशेष कार्यक्रम का आयोजन किया गया, जिसमें आम जनता केलिए लांस डेन के संग्रह से 12वीं से 20वीं शताब्दी तक की गणेश मूर्तियों की प्रदर्शनी लगाई गई, साथही प्रसिद्ध कलाकार के विश्वनाथन की पेंटिंग्स भी प्रदर्शित की गईं। प्रदर्शनी का उद्घाटन आईजीएनसीए के अध्यक्ष रामबहादुर राय ने किया। इस अवसर पर सदस्य सचिव डॉ सच्चिदानंद जोशी, संरक्षण एवं सांस्कृतिक अभिलेखागार प्रभाग के प्रमुख प्रोफेसर अचल पंड्या और कला दर्शन प्रभाग की प्रमुख प्रोफेसर ऋचा कांबोज की उपस्थिति उल्लेखनीय है। ये प्रदर्शनियां आईजीएनसीए के संरक्षण और कला दर्शन प्रभाग ने संयुक्त रूपसे आयोजित कीं। प्रदर्शनी 5 सितंबर तक दर्शनम गैलरी में खुली रहेगी।
गौरतलब हैकि लांस डेन एक ब्रिटिश कला इतिहासकार और संग्रहकर्ता थे, जिन्होंने अपना जीवन कला के शाश्वत मूल्यों को समर्पित कर दिया। प्रदर्शनी में गणेश के विभिन्न रूपों को प्रस्तुत किया गया है, जिसमें उन्हें शिव-पार्वती के पुत्र और कार्तिकेय के भाई के रूपमें दर्शाया गया है। इसी कारण आईजीएनसीए के संरक्षण प्रभाग ने इस प्रदर्शनी का शीर्षक 'विघ्नेश्वर कुटुम्ब: गणेश और उनका परिवार' रखा है। आईजीएनसीए के अध्यक्ष पद्मभूषण रामबहादुर राय ने इस मौके पर कहाकि आयोजन का वास्तविक उद्देश्य इन सांस्कृतिक धरोहरों को अधिक से अधिक लोगों तक पहुंचाना है। उन्होंने विशेष रूपसे युवाओं को इन धरोहर से जोड़ने की आवश्यकता पर बल दिया। रामबहादुर राय ने कहाकि गणेश हमारे जीवन का अभिन्न हिस्सा हैं, वह ज्ञान और संस्कृति के पथप्रदर्शक हैं।
संरक्षण और सांस्कृतिक अभिलेखागार प्रभाग के प्रमुख प्रोफेसर अचल पंड्या ने कहाकि हाल के वर्षों में आईजीएनसीए ने अपने संग्रह को जनता तक पहुंचाने के अनेक प्रयास किए हैं, इसी क्रम में लांस डेन संग्रह की मूर्तियों को प्रस्तुत किया गया है। उन्होंने कहाकि इन्हें प्राप्त करना हम सबके लिए संतोष का विषय है, हम अन्य संग्रहों से भी कला कृतियों को जनता तक ला रहे हैं, ताकि लोग देश की समृद्ध सांस्कृतिक धरोहर से जुड़ सकें। कार्यक्रम को कला प्रेमियों, विद्वानों और विविध दर्शकों की उपस्थिति ने और भी ज्यादा समृद्ध बनाया। उल्लेखनीय हैकि इंदिरा गांधी राष्ट्रीय कला केंद्र ने इन वर्षों में अपने यहां देश की सांस्कृतिक कला विरासत, धरोहरों, विभिन्न विधाओं के विद्वानों को एक महत्वपूर्ण मंच प्रदान किया है, जिनकी देश में अकसर चर्चा होती रहती है।

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