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'दिव्यांग दान पुण्य के नहीं, समानता के हकदार'

दिव्यांगजनों की उपलब्धियां अद्भुत और प्रेरणादायक हैं-राष्ट्रपति

अंतर्राष्ट्रीय दिव्यांगजन दिवस पर सशक्तिकरण पुरस्कार ​दिए गए

स्वतंत्र आवाज़ डॉट कॉम

Wednesday 3 December 2025 04:07:42 PM

president says achievements of persons with disabilities are amazing and inspiring

नई दिल्ली। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने आज अंतर्राष्ट्रीय दिव्यांगजन दिवस पर वर्ष 2025 केलिए राष्ट्रीय दिव्यांगजन सशक्तिकरण पुरस्कार प्रदान किए। राष्ट्रपति ने पुरस्कृत दिव्यांगजन और संस्थानों को बधाई दी। उन्होंने श्रेष्ठ दिव्यांग मास्टर मुहम्मद याज़ीन और श्रेष्ठ कुमारी धृति रांका की विशेष रूपसे सराहना की, क्योंकि उन्होंने लिंग और दिव्यांगता की चुनौतियों को पारकर असाधारण उपलब्धियां प्राप्त की हैं। राष्ट्रपति ने पुरस्कार योजना में बच्चों को शामिल करने केलिए दिव्यांगजन सशक्तिकरण विभाग की सराहना की। उन्होंने कहाकि दिव्यांगजन सशक्तिकरण के क्षेत्रमें राष्ट्रीय पुरस्कार प्रदान करके मुझे विशेष संतोष का अनुभव होता है, दिव्यांगजन की अद्भुत उपलब्धियों को देखकर मुझे प्रेरणा मिलती है। उन्होंने सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्री डॉ वीरेंद्र कुमार को धन्यवाद दिया। राष्ट्रपति ने जिक्र कियाकि नेत्रहीन महिला टी20 विश्वकप की विजेता बेटियों ने विभिन्न बाधाओं को पारकर अपनी विश्वस्तरीय पहचान बनाई, उनसे मिलने के अपने अनुभव को मैं शब्दों में व्यक्त नहीं कर सकती, उन्होंने सभी केलिए अत्यंत प्रेरक उदाहरण प्रस्तुत किया है।
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने कहाकि बीते दशक के दौरान खेल-कूद के क्षेत्र में दिव्यांग बेटे-बेटियों ने बहुत तेजीसे प्रगति के प्रतिमान स्थापित किए हैं, वर्ष 2012 के पैरालिंपिक में भारत को एक पदक प्राप्त हुआ था, समाज और सरकार की सजगता और सक्रियता के परिणामस्वरूप वर्ष 2024 के पैरालिंपिक खिलाड़ियों ने 29 पदक प्राप्त किए। उन्होंने उल्लेख कियाकि दिव्यांग खिलाड़ियों केलिए विश्वस्तरीय सुविधाओं और प्रतिस्पर्धाओं का आयोजन करके सरकार प्रतिभाशाली खिलाड़ियों की प्रतिभा को निखारने के अनेक प्रयास कर रही है, इसके लिए मैं सरकार की सराहना करती हूं। उन्होंने जिक्र कियाकि राष्ट्रपति भवन में भी दिव्यांगजन से जुड़े प्रयास किए गए हैं, वर्ष 2024-25 में दिव्यांगजनों की प्रतिभा और उपलब्धियों का उत्सव मनाने केलिए राष्ट्रपति भवन में बैंगनी उत्सव का आयोजन किया गया, एक काफ़ीहाउस की शुरुआत की गई, जिसे दिव्यांगजन चलाते हैं। उन्होंने कहाकि वहां जानेवाले लोगों को दिव्यांगों की कार्यकुशलता और अतिथि सत्कार का बहुत अच्छा अनुभव होता है, वे भी उत्साहित रहते हैं और ऐसे अनेक छोटे-छोटे प्रयासों से दिव्यांगजन के जीवन में बड़ा बदलाव लाया जा सकता है। राष्ट्रपति ने कहाकि दिव्यांगजनों के हितों केलिए सरकार केसाथ समाज को भी जागरुक व सक्रिय रहना चाहिए, इससे सरकार के प्रगतिशील प्रयासों को बल मिलेगा।
राष्ट्रपति ने कहाकि दिव्यांगजन समानता के हकदार हैं, समाज और देश की विकास यात्रा में उनकी समान भागीदारी सुनिश्चित करना हितधारकों का कर्तव्य है, न कि कोई दान-पुण्य। उन्होंने कहाकि दिव्यांगजनों की समान भागीदारी से ही किसी समाज को वास्तविक अर्थों में विकसित माना जा सकता है। उन्होंने कहाकि अंतर्राष्ट्रीय दिव्यांगजन दिवस-2025 का विषय 'सामाजिक प्रगति को आगे बढ़ाने केलिए दिव्यांगता-समावेशी समाजों को बढ़ावा' भी इसी प्रगतिशील विचार पर आधारित है। राष्ट्रपति को यह जानकर खुशी हुईकि हमारा देश कल्याणकारी मानसिकता से आगे बढ़ते हुए दिव्यांगजनों केलिए अधिकार आधारित, सम्मान केंद्रित व्यवस्था अपना रहा है। उन्होंने कहाकि दिव्यांगजनों का समावेश हमारी राष्ट्रीय विकास यात्रा का एक अभिन्न अंग है, वर्ष 2015 से दिव्यांगजन शब्द के प्रयोग का निर्णय दिव्यांगजनों केप्रति विशेष सम्मान प्रदर्शित करने केलिए लिया गया था। राष्ट्रपति ने कहाकि दिव्यांगजनों केलिए सांकेतिक भाषा अनुसंधान एवं प्रशिक्षण, मानसिक स्वास्थ्य पुनर्वास और खेल प्रशिक्षण जैसे विभिन्न क्षेत्रोंमें कई राष्ट्रीय स्तर के संस्थान स्थापित किए गए हैं, लाखों दिव्यांगजनों को विशिष्ट विकलांगता पहचान पत्र जारी किए गए हैं, जिससे उन्हें विशेष सुविधाओं का लाभ मिल रहा है।

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