भारत के समुद्री क्षेत्रों में सुरक्षा और गश्ती अभियान और सुदृढ़ करेगा
स्वदेश निर्मित अत्याधुनिक हथियारों और प्रणालियों से है सुसज्जितस्वतंत्र आवाज़ डॉट कॉम
Saturday 20 December 2025 02:29:22 PM
पणजी। भारतीय तटरक्षक पोत ‘अमूल्य’ नई पीढ़ी के अदम्य श्रेणी के आठ तीव्र गश्ती पोतों की श्रृंखला का तीसरा पोत है, जिसे गोवा में रस्मी समारोह में तटरक्षक बल में शामिल कर लिया गया है। अमूल्य पोत भारतीय तटरक्षक बेड़े को विस्तारित करने का एक उल्लेखनीय कदम है, जो तटीय सुरक्षा को और ज्यादा मजबूत और सुदृढ़ करने में उल्लेखनीय योगदान देगा। गोवा शिपयार्ड लिमिटेड का विकसित और निर्मित 51 मीटर लंबा यह पोत देश में पोत निर्माण में नया मानदंड स्थापित करता है। इसके 60 प्रतिशत से अधिक घटक देश में निर्मित हैं। अमूल्य अर्थात अनमोल भारत सरकार की आत्मनिर्भर भारत और मेक इन इंडिया पहल केतहत रक्षा क्षेत्रमें भारत की निरंतर प्रगति को दर्शाता है।
आधुनिक डिजाइन पद्धति वाला यह पोत दक्षता, स्थायित्व और त्वरित प्रतिक्रिया क्षमता से युक्त है। तीन हजार किलोवाट के दो उन्नत डीजल इंजनों से संचालित यह पोत 27 समुद्री मील की अधिकतम गति से चल सकता है और इसकी परिचालन क्षमता 1500 समुद्री मील की है। इससे भारत के समुद्री क्षेत्रों में लंबे सुरक्षा और गश्ती अभियान को अंजाम देना संभव हो पाएगा। अमूल्य पोत स्वदेश निर्मित अत्याधुनिक हथियारों एवं प्रणालियों से सुसज्जित है और बेहतर गतिशीलता, परिचालन अनुकूलता और समुद्र में उन्नत प्रदर्शन करने में सक्षम है। यह निगरानी, अवरोधन, खोज एवं बचाव, तस्करी विरोधी अभियान और प्रदूषण नियंत्रण सहित कई अभियानों को अंजाम देगा और पूर्वी तट की सुरक्षा में भारतीय तटरक्षक को सुदृढ़ बनाएगा।
अमूल्य पोत ओडिशा के पारादीप में तैनात रहेगा और तटरक्षक क्षेत्र (उत्तर पूर्व) कमान के प्रशासनिक और परिचालन नियंत्रण में काम करेगा। इस पोत की कमान कमांडेंट (जेजी) अनुपम सिंह को सौंपी गई है, जिसमें पांच अधिकारी और 34 कर्मी शामिल हैं। अमूल्य को सेवा में शामिल किए जाने के समारोह की अध्यक्षता रक्षा विभाग के संयुक्त सचिव (स्वतंत्र प्रभार) समारोह एवं सीएओ अमिताभ प्रसाद ने की। इसमें भारतीय तटरक्षक बल, केंद्र और राज्य सरकारों के वरिष्ठ अधिकारियों तथा गोवा शिपयार्ड लिमिटेड के प्रतिनिधियों ने भाग लिया।