आईएफडब्ल्यूजे से संबद्ध यूनियन आफ वर्किंग जर्नलिस्ट उत्तराखंड की देहरादून ईकाई ने वरिष्ठ पत्रकार ओमप्रकाश आर्य के आकस्मिक निधन पर गहरा शोक जताया है। देहरादून इकाई के अध्यक्ष राबिन सिंह चौहान व संगठन के सदस्यों ने शोक सभा कर इन दुखद क्षणों में शोकाकुल परिवार को शक्ति प्रदान करने की ईश्वर से प्रार्थना की है। हल्द्वानी,नैनीताल निवासी ओमप्रकाश आर्य ने वर्षों तक अमर उजाला, दैनिक जागरण...

वन विकास निगम उत्तराखंड ने मुख्यमंत्री राहत कोष के लिए मुख्यमंत्री विजय बहुगुणा को 21 लाख रूपए धनराशि का चैक भेंट किया। निगम के कार्यालय में आयोजित एक सादे समारोह में अध्यक्ष कुंवर प्रणव सिंह चैंपियन ने मुख्यमंत्री विजय बहुगुणा को चैक सौंपा। इस पर मुख्यमंत्री ने वन विकास निगम का आभार प्रकट करते हुए कहा कि उत्तराखंड...
उत्तराखंड के अपर सचिव वन मनोज चंद्रन ने बताया है कि 13 जनवरी, 2013 को देहरादून से दिल्ली जा रही जनशताब्दी एक्सप्रेस ट्रेन से मोतीचूर एवं हरिद्वार के बीच राजाजी राष्ट्रीय पार्क के हरिद्वार रेंज के खड़खड़ी उत्तरी बीट में प्रातः लगभग सवा छह बजे पटरी को पार कर रहे हाथी के झुंड के टकराने से एक मादा हाथी की मृत्यु हो गई तथा एक मादा हाथी घायल हुई है। उन्होंने बताया कि मुख्यमंत्री विजय बहुगुणा...
स्वामी विवेकानंद सार्धशती समिति की ओर से मंगलवार को रामतीर्थ मिशन सभागार में आयोजित एक कार्यक्रम में संतों, शहर के विभिन्न संगठनों के प्रतिनिधियों सहित सैकड़ों लोगों ने राष्ट्र निर्माण में अपनी भूमिका का संकल्प दोहराया। इस मौके पर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के क्षेत्र प्रचारक शिवप्रकाश ने कहा कि विश्व में हिंदुत्व के गौरव को बढ़ाने का कार्य युवा संत स्वामी विवेकानंद ने किया...

महिलाओं के शैक्षिक, सामाजिक, राजनैतिक उन्नयन के लिए करोड़ों रूपये खर्च किये जा रहे हैं, इन योजनाओं के परिणामों की कोई गारंटी नहीं है। दूसरी ओर कुछ महिलाएं ऐसी भी हैं जिन्हें न तो किसी जेंडर बजट की आवश्यकता है और न किसी योजना की। इन महिलाओं ने अपने बूते ही आत्मनिर्भरता की मिसाल कायम की है। अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस के सौ...

'देश के प्रसिद्ध उद्योगपति रतन नवल टाटा ने देश के प्रमुख राजनेताओं और नौकरशाहों के भ्रष्ट आचरण पर अपरोक्ष रूप से सावधानीपूर्वक तीखी टिप्पणी करते हुए कहा है कि मूल्य एवं नैतिकता समाज के सभी क्षेत्रों के लिए बेहद आवश्यक है, दुर्भाग्यवश भारत की पहचान ऐसे देश के रूप में बनती जा रही है, जहां के लोग कोई काम करने या अपना काम करवाने...

क्या उत्तराखंड के मुख्यमंत्री डॉ निशंक यह बात स्वीकार करते हैं कि उनके राज्य में अवस्थापना सुविधाओं का अभाव है? और यदि यह सही है तो वे राज्य में आने वाले बाकी उद्यमियों की मूलभूत आवश्यकताओं को कैसे पूरा करेंगे? आज से नहीं बल्कि इस राज्य के अस्तित्व में आने के बहुत पहले से ही उत्तराखंड की स्वर्ग सी समृद्धशाली और सम्मोहन...

'निशंक' के सामने उत्तराखंड के भाजपा के शीर्ष नेताओं में सामंजस्य स्थापित करके चलने की जरूरत है जिसमें भगत सिंह कोश्यारी को भी संतुष्ट रखना होगा। इस पूरे राजनीतिक परिदृश्य में एक बात बिल्कुल स्पष्ट है कि भाजपा यहां तभी जनता का खोया हुआ विश्वास हासिल कर सकती है जब उसके लीडर राजनीति के 'कॉमन मिनिमम प्रोग्राम' से चलेंगे...

फिलहाल खंडूरी ने अपनों का विश्वास तो खोया है, फिर भी उनकी कुर्सी खतरा नहीं दिखता है। सितंबर में यहां त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव होने हैं और इसके बाद भाजपा को फिर लोकसभा चुनाव का सामना करना है। इस पूरे राजनीतिक परिदृश्य को देखकर अब यही लगता है कि उत्तराखंड के आने वाले इन सभी चुनावों में भाजपा मुश्किल में होगी।...

भुवनचंद खंडूरी की सफलता और विफलता का रिपोर्ट कार्ड उत्तराखंड की जनता ही तैयार करेगी न कि यहां की नौकरशाही। मगर वे फौजी फार्मूले से चलते हैं और जनता तिवारी फार्मूले को ज्यादा समझती है। कहने वाले नहीं चूकते हैं कि तिवारी तो कांग्रेस की गुटबाजी के कारण सत्ता से बाहर हुए लेकिन खंडूरी अपनी ही रणनीतियों के मुगालते में उत्तराखंड...