
दुनिया की हर सभ्यता में कहानी एक प्रमुख माध्यम रहा है, जिससे नीति, धर्म, लोक विश्वास, लोक व्यवहार, पारंपरिक और सांस्कृतिक ज्ञान पीढ़ी दर पीढ़ी संचरित होता रहा है। कहानी कहना मनुष्य की सहज कलात्मक वृत्ति है, इसलिए इसकी रक्षा करना अपने आप में एक सांस्कृतिक दायित्व को निभाना है वे कहते हैं-‘कहानी जीवन की छोटी से छोटी घटना...

डूब मरने जैसी बात है कि भारतीय राज्य अपने नागरिकों को राष्ट्रीय बजट से उच्चस्तरीय शिक्षा भी नहीं दे सकता। आश्चर्य है कि विश्व की आर्थिक महाशक्ति का दावा ठोंकने वाला भारत उच्च शिक्षा के लिए यूरोपीय/अमेरिकी कम्पनियों के ही सहारे है। भारत के पास उच्च शिक्षा का स्वदेशी ढांचा नहीं है। दोषी केंद्र की सरकार है। भारत के दुर्दिन...