पर्वतीय संस्कृति की एक अलग ही पहचान है-राज्यपाल
उपन्यास चंद्रवंशी और काव्य संग्रह बाटुई का लोकार्पणस्वतंत्र आवाज़ डॉट कॉम
Wednesday 15 January 2020 01:09:13 PM
लखनऊ। राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने लखनऊ महानगर के रामलीला मैदान में पर्वतीय महापरिषद के आयोजित उत्तरायणी कौथिग मेला-2020 का दीप प्रज्ज्वलित करके उद्घाटन किया और कहा है कि भारतीय संस्कृति की समृद्धि में लोक संस्कृतियों का विशिष्ट योगदान है, जिसमें पर्वतीय संस्कृति की अपनी एक अलग ही पहचान है। उन्होंने कहा कि पर्वतीय धरती हमारे ऋषि-मुनियों की तपोस्थली रही है, पर्वतीय क्षेत्र का देश के स्वाधीनता आंदोलन में भी गौरवशाली इतिहास रहा है। उन्होंने कहा कि इस प्रकार के आयोजन से हमारी उत्सवधर्मी संस्कृति को बढ़ावा मिलता है।
राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने कहा कि प्रत्येक राज्य की बेमिसाल सांस्कृतिक विरासत की अलग उसकी खास पहचान है, भारत भूमि हर राज्यों को आपस में जोड़ती है और हमारी विलक्षण संस्कृति हम सबको एक सूत्र में बांधती है, अनेकता में एकता ही हमारे देश की विशेषता है। राज्यपाल ने मेले की प्रशंसा करते हुए कहा कि इसके माध्यम से उत्तराखंड की सांस्कृतिक परम्परा के साथ-साथ राष्ट्रीय एकता एवं साम्प्रदायिक सौहार्द के मूल्यों को स्थापित करने का प्रयास किया गया है। उन्होंने मेले में उपस्थित लोगों से आग्रह किया कि बच्चों में नैतिकता का बोध कराना हमारे हाथ में है, बच्चे चरित्रवान नागरिक बनने का प्रयास करें। उन्होंने कहा कि बच्चों को अन्य संस्कारों के साथ-साथ अन्न की बर्बादी न करने, पानी का दुरूपयोग रोकने और पर्यावरण का संरक्षण करना सीखना होगा।
राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने कहा कि कम से कम एक पौधा जरूर लगाएं और उसके बड़ा होने तक उसकी देखभाल अवश्य करें। उन्होंने कहा कि बच्चों को नैतिक विकास और अच्छे संस्कार उत्पन्न करने वाली ज्ञानवर्द्धक पुस्तकों को पढ़ना चाहिए। राज्यपाल ने इस अवसर पर कौस्तुभ आनंद चंदोला का उपन्यास ‘चंद्रवंशी’ और ज्ञान पंत का काव्य संग्रह ‘बाटुई’ का लोकार्पण भी किया। समारोह में पर्वतीय महापरिषद के अध्यक्ष भवान सिंह रावत, महासचिव गणेशचंद्र जोशी, मुख्य संयोजक दिलीप सिंह बाफिला, संयोजक टीएस मनराल और बड़ी संख्या में गणमान्य नागरिक उपस्थित थे।