राष्ट्रपति से मिले आईएफएस प्रशिक्षु अधिकारीस्वतंत्र आवाज़ डॉट कॉम
Thursday 13 June 2013 11:45:47 PM
नई दिल्ली। भारतीय विदेश सेवा (2011 बैच) के 34 प्रशिक्षु अधिकारियों ने बुधवार को राष्ट्रपति भवन में राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी से मुलाकात की। इस अवसर पर राष्ट्रपति ने भारतीय विदेश सेवा के प्रशिक्षु अधिकारियों से विदेशों में भारत का गौरव और सम्मान बढ़ाने को कहा।
प्रणब मुखर्जी ने प्रशिक्षु अधिकारियों को संबोधित करते हुए कहा कि विश्व में आज तेजी से बदलाव हो रहे हैं, वैश्विक अर्थव्यवस्था अभी भी कमज़ोर स्थिति में है और वित्तीय संकट से उभर नहीं पाई है, पश्चिम एशिया, अफ्रीका और भारत के पड़ोसी देशों में बड़े राजनीतिक बदलाव हुए हैं।
राष्ट्रपति ने कहा कि विदेश सेवा के युवा अधिकारियों का कार्य और ज्यादा जिम्मेदारी वाला और चुनौतीपूर्ण है, लेकिन उनके पास अपना लक्ष्य और शुरूआत करने का एक अवसर है। भारत की विदेश नीति में विश्व भर में हो रहे बदलावों के साथ परिवर्तन करने होंगे, पूरी दुनिया ने इस बात को माना है कि विश्व में हो रहे विकास का एक बड़ा भाग उभरती हुई अर्थव्यवस्थाओं विशेष तौर पर भारत और चीन से आ रहा है, भारत की सभी अंतर्राष्ट्रीय संगठनों जैसे जी-20 आदि में महत्वपूर्ण भूमिका है।
भारतीय अर्थव्यवस्था के बारे में प्रणब मुखर्जी ने कहा कि हालांकि चिंता करने के कुछ कारण हैं, लेकिन निराश होने का कोई कारण नहीं है। भारतीय अर्थव्यवस्था ने पिछले 10 सालों में 7.9 प्रतिशत की विकास दर हासिल की है, जो 1951 से किसी भी 10 वर्ष की अवधि के दौरान सबसे अधिक है। राष्ट्रपति ने भारतीय विदेश सेवा के प्रशिक्षु अधिकारियों से आर्थिक कूटनीति और ऊर्जा तथा खाद्य सुरक्षा जैसे विषयों में प्रशिक्षित होने को कहा। उन्होंने प्रशिक्षु अधिकारियों से इन क्षेत्रों में विशेष ज्ञान प्राप्त करने और देश की सेवा कर विदेशों में भारत का गौरव और सम्मान बढ़ाने का आह्वान किया।