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लोकसभाध्यक्ष सदन में योजनाबद्ध व्यवधान से दुखी

नारेबाजी योजनाबद्ध व्यवधान संसदीय कार्यवाही की गरिमा का अपमान

अठारहवीं लोकसभा का पांचवां सत्र अनिश्चितकाल के लिए स्थगित

स्वतंत्र आवाज़ डॉट कॉम

Thursday 21 August 2025 06:50:27 PM

om birla (file photo)

नई दिल्ली। लोकसभा अध्यक्ष ने सभी सांसदों से कहा हैकि जनप्रतिनिधि के रूपमें हमारे आचरण और कार्यप्रणाली को पूरा देश देखता है, जनता बहुत उम्मीदों केसाथ चुनकर सदन में भेजती है, सहमति और असहमति होना लोकतंत्र की स्वाभाविक प्रक्रिया है, किंतु हमारा सामूहिक प्रयास होना चाहिएकि सदन गरिमा, मर्यादा और शालीनता केसाथ चले। उन्होंने कहाकि सदन में नियोजित गतिरोध कभी हमारी परंपरा नहीं रही है। अठारहवीं लोकसभा का पांचवां सत्र संपन्न हो चुका है। सत्र के आखिरी दिन आज अपने समापन भाषण में लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने सदन में लगातार और नियोजित व्यवधानों पर क्षोभ व्यक्त किया। उन्होंने कहाकि लोकसभा या संसद परिसर में नारेबाजी, तख्तियां दिखाना और नियोजित व्यवधान संसदीय कार्यवाही की गरिमा को ठेस पहुंचाते हैं। ओम बिरला ने कहाकि जनता को अपने प्रतिनिधियों से बहुत उम्मीदें होती हैं, इसलिए उन्हें सदन में अपने समय का सदुपयोग जनहित की समस्याओं एवं मुद्दों तथा महत्वपूर्ण विधेयकों पर गंभीर और सार्थक चर्चा केलिए करना चाहिए। यह सत्र 21 जुलाई 2025 को आरंभ हुआ था।
लोकसभा अध्यक्ष ने कहाकि सत्र केदौरान उन्होंने सभी राजनीतिक दलों के सदस्यों को सदन में बोलने और महत्वपूर्ण विधेयकों एवं जनहित के मुद्दों पर चर्चा करने के पर्याप्त अवसर दिए हैं। उन्होंने इस बात केलिए खेद व्यक्त कियाकि सदन में लगातार गतिरोध दुर्भाग्यपूर्ण रहा। उन्होंने कहाकि सदन में नारेबाजी एवं व्यवधान से बचते हुए गंभीर और सार्थक चर्चा को बढ़ावा दिया जाना चाहिए। ओम बिरला ने कहाकि मानसून सत्र में जिस तरह की भाषा और व्यवहार देखा गया, वह संसद की मर्यादा के अनुरूप नहीं है। उन्होंने सांसदों को याद दिलायाकि सदन के अंदर और बाहर उनकी भाषा हमेशा संयमित और शालीन होनी चाहिए। ओम बिरला ने बतायाकि ऑपरेशन सिंदूर पर चर्चा 28 जुलाई 2025 को शुरू हुई और 29 जुलाई 2025 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के उत्तर केसाथ इसका समापन हुआ। उन्होंने बतायाकि 18 अगस्त 2025 को भारत के अंतरिक्ष कार्यक्रम की उपलब्धियों पर विशेष चर्चा की गई थी।
ओम बिरला ने सांसदों से आग्रह कियाकि वे सुनिश्चित करेंकि उनका कार्य एवं आचरण देश और दुनिया के समक्ष एक आदर्श स्थापित करे। ओम बिरला ने कहाकि यह हमारे लिए चिंतनीय विषय रहाकि इस सत्र की कार्यसूची में 419 तारांकित प्रश्न शामिल किए गए थे, लेकिन नियोजित व्यवधानों के कारण केवल 55 प्रश्नों के ही मौखिक उत्तर दिए जा सके। उन्होंने बतायाकि सत्र की शुरुआत में सभी दलों ने यह निर्णय लिया थाकि इस सत्र में सदन 120 घंटे चर्चा और संवाद करेगा तथा कार्यमंत्रणा समिति भी इससे सहमत थी, लेकिन लगातार गतिरोध और नियोजित व्यवधानों के कारण इस सत्र में सदन में मात्र 37 घंटे ही कामकाज हो पाया। ओम बिरला ने बतायाकि सत्र केदौरान चौदह सरकारी विधेयक पेश किए गए और बारह विधेयक पारित किए गए हैं। उन्होंने सांसदों से कहाकि हमें विचार करना होगाकि हम देश के नागरिकों को देश की सर्वोच्च लोकतांत्रिक संस्था के माध्यम से क्या संदेश दे रहे हैं, इस विषय पर सभी राजनीतिक दल और सदस्य गंभीर विचार और आत्ममंथन करें।

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