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Monday 1 September 2025 06:07:41 PM
जम्मू। केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने आज जम्मू संभाग के वर्षा, बाढ़ एवं भूस्खलन प्रभावित क्षेत्रों का दौरा किया और प्राकृतिक आपदा से हुए नुकसान का जायजा लिया। गृहमंत्री जम्मू में चक मांगू गांव के बाढ़ प्रभावित लोगों से भी मिले। अमित शाह ने तवी पुल, शिव मंदिर और जम्मू में बाढ़ से क्षतिग्रस्त हुए घरों का निरीक्षण किया। दौरे केबाद गृहमंत्री ने एक उच्चस्तरीय बैठक की, जिसमें जम्मू कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा, मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला, केंद्र सरकार एवं केंद्रशासित प्रदेश सरकार के वरिष्ठ अधिकारी भी शामिल थे। गृहमंत्री ने जनहानि पर दुख व्यक्त किया और कहाकि संकट की इस घड़ी में भारत सरकार ने बचाव कार्यों में अपनी पूरी शक्ति लगा दी है। अमित शाह ने कहाकि आपदा राहत बचाव की सभी एजेंसियों ने मिलकर संभावित नुकसान को बहुत कम किया है और समन्वित प्रयासों से कई जानें बचाई हैं।
गृहमंत्री अमित शाह ने कहाकि अधिकारियों को निर्देश देते हुए कहाकि सभी अर्ली वॉर्निंग एप्स की पद्धतियों, उनकी सटीकता और जमीनी पहुंच का क्रिटिकल एनिलिसिस होना चाहिए। उन्होंने कहाकि बार-बार समीक्षाकर व्यवस्था में सुधार करना ही हमें ज़ीरो कैज़ुअल्टी अप्रोच की दिशा में लेकर जा सकता है। गृहमंत्री ने कहाकि मौसम विभाग और एनडीएमए को डेटा एनालिटिक्स और एआई के उपयोग से बादल फटने के कारणों का अध्ययन करना चाहिए। उन्होंने कहाकि भारतीय खाद्य निगम पर्याप्त राशन की व्यवस्था करे और 10 दिन बाद कनेक्टिविटी की स्थिति को देखते हुए राशन की डिलिवरी ऑफलाइन कराएं। अमित शाह ने कहाकि एक-दो दिनमें ही गृह मंत्रालय की सर्वेक्षण टीमें यहां नुकसान का जायजा लेने आएंगी और उसके बाद सहायता भी प्रदान की जाएगी। उन्होंने कहाकि स्वास्थ्य और जल विभाग सक्रिय होकर जल आपूर्ति और स्वास्थ्य सेवाओं पर ध्यान दे। उन्होंने कहाकि सेना, केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बल और वायुसेना के मेडिकल दस्तों की सहायता लें।
गृहमंत्री ने कहाकि चूंकि जम्मू कश्मीर प्राकृतिक आपदा संभावित क्षेत्र है, इसीलिए केंद्र के हिस्से के रूपमें राज्य आपदा मोचन निधि केलिए 209 करोड़ रुपये की धनराशि केंद्रशासित प्रदेश को आवंटित की गई है, जिससे यहां राहत कार्य जारी है। गृहमंत्री ने कहाकि केंद्र सरकार और केंद्रशासित प्रदेश आपदा प्रबंधन प्राधिकरण की समय पर दीगई चेतावनियों से जानमाल के नुकसान को कम करने में मदद मिली है। उन्होंने कहाकि राष्ट्रीय आपदा मोचन बल, सेना, केंद्रशासित प्रदेश आपदा मोचन बल, प्रतिक्रिया दल अलर्ट पर थे और हेलीकॉप्टर भी तैयार थे। उन्होंने कहाकि सेना और एनडीआरएफ को सूचित कर दिया गया था। अमित शाह ने कहाकि लोगों की निजी संपत्ति को नुकसान पहुंचा है और क्षतिग्रस्त घरों केलिए एसडीआरएफ केतहत सहायता का आकलन किया जा रहा है और इसे जल्द से जल्द वितरित कर दिया जाएगा। उन्होंने कहाकि कई क्षतिग्रस्त सड़कों की मरम्मत का काम शुरू चल रहा है, अधिकांश सड़कों पर यातायात शुरू हो गया है और जहां भी ज़रूरत है, राहत सामग्री पहुंचाई जा रही है।
बैठक में जानकारी दी गईकि प्रभावित क्षेत्रों में 80 प्रतिशत से अधिक बिजली आपूर्ति बहाल कर दी गई है, लोगों को शुद्ध पेयजल मिलने लगा है और स्वास्थ्य सुविधाएं सुचारू रूपसे चल रही हैं। महत्वपूर्ण क्षेत्रों का बुनियादी ढांचा प्रभावित हुआ है और उसकी अस्थायी बहाली का काम युद्धस्तर पर चल रहा है। जम्मू कश्मीर प्रशासन भी नुकसान का आकलन कर रहा है और हरसंभव सहायता प्रदान की जाएगी। गृहमंत्री ने देश की आपदा राहत बचाव कार्य में समर्पित एजेंसियों के प्रयासों की सराहना की और कहाकि उन्होंने अत्यंत शीघ्रता और कुशलता से सफल बचाव अभियान चलाया। एहतियात के तौरपर 5000 से अधिक लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया है, एनडीआरएफ की 17 टीमें और सेना की 23 टुकड़ियां, भारतीय वायुसेना के हेलीकॉप्टर, केंद्रशासित प्रदेश आपदा मोचन बल, जम्मू-कश्मीर पुलिस और केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बलों के जवान अभीभी राहत बचाव अभियान में लगे हुए हैं और लोगों की मदद कर रहे हैं। जम्मू कश्मीर प्रशासन ने राहत शिविरों में स्वास्थ्य सुविधाओं और भोजन की व्यवस्था की है, स्थिति बहुत जल्द सामान्य हो जाएगी।