तेज़ रफ़्तार जीवनशैली में कॉर्पोरेट सबसे ज्यादा प्रभावित
कॉर्पोरेट में बढ़ता हुआ चलन डिजिटल डायग्नोस्टिकSaturday 1 September 2018 04:17:31 PM
डॉ रुचि गुप्ता
नई दिल्ली। इस तेज़ रफ़्तार जीवनशैली में कॉर्पोरेट क्षेत्र से जुड़े पेशेवरों के लिए चुनौतियां दिनोंदिन बढ़ती जा रही हैं, उनकी व्यस्तता इतनी अधिक हो गई है कि उन्हें अपनी सेहत पर पूरी तरह ध्यान देने का समय ही नहीं मिलता है, यहां तक कि नियमित हेल्थ चेकअप के लिए भी समय निकाल पाना एक असंभव हो चला है। थ्रीएच केयर की संस्थापक और सीईओ सीए डॉ रुचि गुप्ता ने ऐसे पेशेवरों की जीवनशैली दुरुस्त रखने के लिए रास्ते निकाले हैं, जिनपर अमल करके दैनिक जीवन को संतुलित और निश्चिंत बनाया जा सकता है।
डॉ रुचि गुप्ता के अनुसार कामकाजी लोग अक्सर ऐसा सोचते हैं कि संतुलित आहार और नियमित व्यायाम उन्हें जीवनभर सेहतमंद रखने के लिए पर्याप्त है, लेकिन जिस मानसिक तनाव को वे रोजाना झेलते हैं, वह सेहत के लिहाज से बिलकुल भी ठीक नहीं होता है। जाहिर सी बात है कि कॉर्पोरेट क्षेत्र की बहुत तेज गति तनावमुक्त नहीं हो सकती है और यही तनाव बहुत सी बीमारियों को जन्म देने लगता है और यदि समय रहते इसपर ध्यान न दिया जाए तो शारीरिक स्थिति गम्भीर हो सकती है। तमाम व्यस्तताएं सेहत को नज़रअंदाज करने लगती हैं, इसलिए यह बहुत आवश्यक है कि कार्पोरेट क्षेत्र से जुड़े कामकाजी लोग स्वास्थ्य के प्रति जागरुक हों, ताकि वह बीमारियों से खुद को सुरक्षित रख सकें।
समझने की आवश्यकता है कि कामकाज से सम्बंधित व्यस्तताएं कभी कम नहीं होतीं, लेकिन इसका यह अर्थ बिलकुल नहीं है कि सेहत के साथ समझौता कर लिया जाए, इसीलिए ऑनलाइन हेल्थकेयर पोर्टल तेजी से लोकप्रिय हो रहे हैं। आजकल हर क्षेत्र का सारा काम डिजिटल हो रहा है, ऐसे में स्वास्थ्यसेवाओं में डिजिटल हेल्थकेयर पोर्टल निश्चित रूपसे एक सराहनीय दोस्त बन रहा है। हेल्थकेयर पोर्टल किस हद तक उपयोगी और लोकप्रिय हो रहे हैं, यह अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि कामकाजी लोग इनपर उपलब्ध सुविधाओं का खूब इस्तेमाल कर रहे हैं।
विभिन्न शोधों में यह बात सामने आई है कि अपने काम में बहुत अधिक व्यस्त रहने के कारण कामकाजी पेशेवर लोग अक्सर डॉक्टर के पास जाने का समय नहीं निकाल पाते हैं और इसी वजह से अपनी शारीरिक या मानसिक अस्वस्थता को नज़रअंदाज करते रहते हैं। करीब सत्तर प्रतिशत कामकाजी लोग मानते हैं कि डॉक्टर के पास जाने से उनके काम का नुक्सान हो सकता है, इसलिए वह डॉक्टर के पास जाना टालते रहते हैं। डॉ रुचि गुप्ता 3एच केयर डॉट इन पर कहती हैं कि कॉर्पोरेट क्षेत्र से जुड़े लोगों को रोजाना अलग-अलग तरह का तनाव झेलना पड़ता है। काम का दबाव और बॉस की अपेक्षाएं ऐसी बहुत सारी जिम्मेदारियां हैं, जो शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य को बुरी तरह प्रभावित करने लगती हैं।
बहुत आवश्यक है कि शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य की जांच नियमित रूपसे कराई जाए, ताकि किसी गंभीर बीमारी के होने के खतरे को समय रहते भांप लिया जाए और सेहत को नुकसान पहुंचने से बचाया जा सके। हमने अपने कर्मचारियों की सेहत की जांच के लिए कॉर्पोरेट ऑफिस में एक हेल्थ चेकअप कैंप लगाया, जहां युवा पेशेवरों के स्वास्थ्य की जांच की गई। इस जांच के नतीजे बेहद चौंकाने वाले थे। विभिन्न स्वास्थ्य परीक्षणों के दौरान पाया गया कि बहुत से युवा पेशेवर शुगर, हाईपरटेंशन और हाईपरथायरोडिज्म जैसी बीमारियों से ग्रस्त थे। ये बीमारियां उम्र बढ़ने पर होती हैं, मगर जांच नतीजों में सामने आ रही हैं। तभी कहा जा रहा है कि सावधान होकर अपनी सेहत पर ध्यान दीजिए और चिंतामुक्त होईए।