
उपराष्ट्रपति मोहम्मद हामिद अंसारी ने आज यहां जाने-माने कवि और पद्मश्री डॉ रवींद्र नाथ श्रीवास्तव ‘राजहंस’ की लिखी पुस्तक ‘गंदी बस्तियों में सूर्योदय’ का विमोचन किया। इस मौके पर उपराष्ट्रपति ने कहा कि गरीबी जहां कही भी, किसी भी रूप में हो, हमारे समाज की असफलता पर एक तीखी टिप्पणी है।...

दिल्ली में प्रगति मैदान में चल रहे विश्व पुस्तक मेले में एटा से प्रारंभ हुई हिंदी की लघु पत्रिका 'चौपाल' के प्रवेशांक का लोकार्पण हिंदी के आलोचक नामवर सिंह, कवि केदारनाथ सिंह, आलोचक खगेंद्र ठाकुर और विख्यात लेखक काशीनाथ सिंह ने किया। राजकमल प्रकाशन के मंच पर आयोजित लोकार्पण समारोह में केदारनाथ सिंह ने कहा कि किसी एक...
सर्वोत्तम आनंद है। सर्वोत्कृष्ट विलास। अध्ययनकर्त्ता का सम्मान प्राचीन परंपरा है। भारतीय सभ्यता और संस्कृति का विकास गहन विद्यार्थी वृत्ति से ही हुआ। लोकजीवन का सत्य, शिव और सौंदर्य अध्ययन प्रवचन और वांग्मय का ही प्रतिफल है। अध्ययन यशस्वी कर्म है। सर्वोत्तम सुख है और सर्वोत्तम कर्त्तव्य भी। तैत्तिरीय उपनिषद का नवां अनुवाक् पठनीय है। पहला मंत्र है, प्रकृति विधान का पालन...

राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने कल नई दिल्ली के प्रगति मैदान में नई दिल्ली विश्व पुस्तक मेले का उद्घाटन किया। इस अवसर पर राष्ट्रपति ने कहा कि बहु-समुदायवाद और सामाजिक, सांस्कृतिक, भाषाई और धार्मिक विविधता भारत की शक्ति है, देश की ये विशेषताएं प्रत्येक भारतीय के लिए प्रेरणा का स्रोत हैं।...
सभी रस प्राय: आनंददाता होते हैं, लेकिन 'बतरस' का मजा ही कुछ और है। सो 'संवाद' से मन नहीं भरता। हम सब जीवन का अधिकांश भाग संवाद में लगाते हैं। भाषण और लेखन भी संवाद हैं। भाषण में श्रोता सामने होते हैं। इसलिए संबोधन में हावभाव का भी आदान प्रदान होता है। श्रोता की संलिप्तता या उदासीनता साफ समझी जाती है। लेखन में पाठक सामने नहीं होते। इसलिए हावभाव का काम भी लिखे शब्दों ही लेना पड़ता है। लेखक...
बिशारिया शिक्षा सेवा समिति व अखिल भारतीय अगीत परिषद लखनऊ के संयुक्त तत्वावधान में सेक्टर बी राजाजीपुरम लखनऊ के सभागार मे मासिक काव्य गोष्ठी का आयोजन वरिष्ठ साहित्यकार डॉ रंगनाथ मिश्र 'सत्य' की अध्यक्षता में हुआ। वाणी वंदना से त्रिवेणी प्रसाद दुबे, 'मनीष', अवधेष मिश्र, शांता नंद, मुरली मनोहर कपूर ने काव्य गोष्ठी का शुभारंभ किया। इस अवसर पर डॉ रंगनाथ मिश्र 'सत्य'...

उप राष्ट्रपति मोहम्मद हामिद अंसारी ने कल नई दिल्ली में शाह वलीउल्लाह इंस्टिट्यूट के तत्वावधान में मुफ्ती अताउर रहमान अंसारी की पुस्तक ‘मैमार-ए-कौम-डॉ एआर किदवई’ का विमोचन किया। इस अवसर पर हामिद अंसारी ने कहा कि इस पुस्तक में बहुत ही सृजनात्मक तरीके से डॉ किदवई के यादगार संस्मरणों का संकलन किया गया है और इसके...

साहित्य सर्वोत्तम विलास है। इसका अनुभूतिपरक सृजन चिद्विलास है। विचारपरक सृजन भी आनंददाता हैं। पठन-पाठन भी रमणकारी है और इसका साधन है-पुस्तकें। पुस्तक प्रेम भी सामान्य नहीं। इस प्रेम को क्या कहें? क्या नाम दें? संकेत मात्र हो सकते हैं इस प्रेम के। यह अनुपम, अद्वितीय, अनूठा और बेजोड़ है। पुस्तकें सीधे संवाद करती हैं। वे...

आल इंडिया कैफ़ी आज़मी अकादमी के प्रेक्षागृह में ओबीओ लखनऊ चैप्टर की काव्य गोष्ठी हुई, जिसमें बड़ी संख्या में देश-विदेश के जाने-अनजाने रचनाकार शामिल हुए। काव्य गोष्ठी की अध्यक्षता वरिष्ठ कवि रामदेव लाल ‘विभोर’ ने की, जबकि मुख्य अतिथि ओबीओ के संस्थापक गणेश जी ‘बागी’ थे। विशिष्ट अतिथि के रूप में प्रसिद्ध नवगीतकार मधुकर अस्थाना...

रेल मंत्री मल्लिकार्जुन खरगे ने रेल पटरियों के डिजाइन, निर्माण एवं रखरखाव से संबंधित पुस्तक रूबी जुबली के 40वें वार्षिक संस्करण का आज यहां विमोचन किया। इस पुस्तक को मशहूर सिविल इंजीनियर एमएम अग्रवाल ने लिखा है, जो भारतीय रेलवे में 33 वर्षो की सेवा के बाद चीफ इंजीनियर के पद से सेवानिवृत हुये हैं। यह पुस्तक 1973 में लिखी...

लखनऊ की ऐतिहासिक धरोहरों और बैठकों ने दुनिया में बड़ा ही नाम कमाया है। लखनवी तहज़ीब, इमामबाड़ा, भूलभुलैया, लखनऊ विश्वविद्यालय और यहां के नवाबों के विख्यात किस्से तो खूब ही सात समंदर पार तक सुने-सुनाए जाते हैं, उनपर किताबें लिखी जाती हैं, शेर-औ-शायरी होती है, मगर इनके उद्गमों की जगह का उल्लेख किए बिना इन धरोहरों का इतिहास...

उपराष्ट्रपति एम हामिद अंसारी ने आज यहां एक समारोह में टाइम्स ऑफ इंडिया के 175 वर्ष पूरे होने के उपलक्ष्य पर मोमेन्टस टाइम्स शीर्षक की एक पुस्तक का विमोचन किया। इस अवसर पर उन्होंने कहा कि यह पुस्तक एक उमदा संग्रह है, इसमें इतिहास के चुने हुए हिस्सों की तीक्ष्ण झलक है तथा इसमें लाभदायक पठन सामग्री है। उन्होंने...

केंद्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री गुलाम नबी आजाद ने आज यहां निर्माण भवन में ‘इंडियन फार्मेकोपिया 2014’ के सातवें संस्करण का विमोचन किया। इस संस्करण में फार्मेकोपिया के दायरे को बढ़ाकर जैव प्रौद्योगिकी के उत्पाद, स्थानीय जड़ी-बूटियों, जड़ी- बूटियों के उत्पाद, पशु चिकित्सा के टीके, एंटी रेट्रोवाइरल...

कहानीकार दुष्यंत अपनी कहानियों में बिल्कुल नए ज़माने की सच्चाइयों का संधान करते हैं और इसके लिए वे किसी भी पारंपरिक शिल्प को जस का तस स्वीकार नहीं करते। दिल्ली विश्वविद्यालय के हिंदू कालेज की हिंदी साहित्य सभा के 'रचना पाठ और लेखक से मिलिए' कार्यक्रम कहानीकार दुष्यंत के पहले कहानी संग्रह 'जुलाई की एक रात' पर परिसंवाद...

सीहोर के कथाकार पंकज सुबीर का कहना है कि प्रवासी हिंदी साहित्य किसी भी तरह से मुख्यधारा के साहित्य से कमतर नहीं है, बेशक फ़िलहाल इसकी बहुत चर्चा नहीं हो रही है, मगर इस बात का इत्मिनान रखिए कि आपकी कहानियां पाठक पहचान रहे हैं। उनका कहना है कि लेखक के लिये पाठक ही महत्वपूर्ण है, वही कहानी को ज़िंदा रखेगा। लंदन में कथा यूके...