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अंगोला के राष्ट्रपति 38 वर्ष के बाद भारत आए!

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ द्विपक्षीय बैठकें और संयुक्त प्रेस वक्तव्य

'अंगोला की अध्यक्षता में भारत-अफ्रीकी संघ के संबंधों में नई ऊंचाइयां'

स्वतंत्र आवाज़ डॉट कॉम

Saturday 3 May 2025 05:01:46 PM

president of angola and pm narendra modi

नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज 38 वर्ष केबाद भारत की आधिकारिक यात्रा पर आए अंगोला के राष्ट्रपति जोआओ मैनुअल गोंकाल्वेस लौरेंको और उनके साथ आए प्रतिनिधिमंडल का भारत में हार्दिक स्वागत किया। प्रधानमंत्री ने हैदराबाद हाउस नई दिल्ली में अंगोला के राष्ट्रपति केसाथ द्विपक्षीय बैठकें कीं और संयुक्त प्रेस वक्तव्य में कहाकि यह ऐतिहासिक पल है, अंगोला के राष्ट्रपति की इस यात्रा से न केवल भारत-अंगोला संबंधों को नई दिशा और गति मिल रही है, बल्कि भारत और अफ्रीका साझेदारी को भी बल मिल रहा है। नरेंद्र मोदी ने कहाकि इस वर्ष भारत और अंगोला अपने राजनयिक संबंधों की 40वीं वर्षगांठ मना रहे हैं, लेकिन हमारे संबंध उससे भी बहुत अधिक पुराने हैं और बहुत गहरे हैं। उन्होंने उल्लेख कियाकि जब अंगोला स्वतंत्रता केलिए लड़ रहा था, तब अंगोला केसाथ भारत अपनी पूरी वफादारी और मित्रता केसाथ खड़ा था।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वक्तव्य में जानकारी दीकि आज विभिन्न क्षेत्रों में भारत-अंगोला केबीच घनिष्ठ सहयोग है, भारत, अंगोला के तेल और गैस के सबसे बड़े खरीदारों में से एक है। उन्होंने कहाकि हमने अपनी एनर्जी साझेदारी को व्यापक करने का निर्णय लिया है और अंगोला की सेनाओं के आधुनिकीकरण केलिए 200 मिलियन डॉलर की डिफेंस क्रेडिट लाइन को स्वीकृति दी। उन्होंने कहाकि रक्षा प्लेटफॉर्म्स के मरम्मत और ओवरहाल एवं सप्लाई पर भी बात हुई है, अंगोला की सशस्त्र सेनाओं की ट्रेनिंग में सहयोग करने में हमें खुशी होगी। उन्होंने कहाकि अपनी विकास साझेदारी को बढ़ाते हुए हम डिजिटल सार्वजनिक अवसंरचना, स्पेस टेक्नॉलॉजी और कैपेसिटी बिल्डिंग में अंगोला केसाथ अपनी क्षमताएं साझा करेंगे। प्रधानमंत्री ने कहाकि आज हमने स्वास्थ्य, डायमंड प्रोसेसिंग, फर्टीलाइजर और क्रिटिकल मिनरल क्षेत्रों में भी अपने संबंधों को और मजबूत करने का निर्णय लिया है। उन्होंने कहाकि अंगोला में योग और बॉलीवुड की लोकप्रियता हमारे सांस्कृतिक संबंधों की मज़बूती का प्रतीक है, अपने लोगों से लोगों तक संबंधों को बल देने केलिए हमने अपने युवाओं केबीच युवा विनिमय कार्यक्रम शुरू करने का निर्णय लिया है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहाकि अंतर्राष्ट्रीय सौर गठबंधन से जुड़ने के अंगोला के निर्णय का हम स्वागत करते हैं, हमने अंगोला को भारत की पहल आपदा रोधी अवसंरचना गठबंधन, बिग कैट एलायंस और वैश्विक जैव ईंधन गठबंधन से भी जुड़ने केलिए आमंत्रित किया है। उन्होंने कहाकि हम एकमत हैंकि आतंकवाद मानवता केलिए सबसे बड़ा खतरा है, पहलगाम में हुए आतंकी हमले में मारे गए लोगों केप्रति राष्ट्रपति जोआओ मैनुअल गोंकाल्वेस लौरेंको और अंगोला की संवेदनाओं केलिए मैं उनको आभार व्यक्त करता हूं। नरेंद्र मोदी ने कहाकि हम आतंकवादियों और उनका समर्थन करने वालों के खिलाफ़ ठोस और निर्णायक कार्रवाई करने केलिए प्रतिबद्ध हैं, हम सीमापार आतंकवाद के खिलाफ़ हमारी लड़ाई में अंगोला के समर्थन केलिए उनका आभार व्यक्त करते हैं। नरेंद्र मोदी ने 140 करोड़ भारतीयों की ओर से अंगोला को ‘अफ्रीकन यूनियन’ की अध्यक्षता केलिए शुभकामनाएं दीं और कहाकि उनके लिए यह गौरव की बात हैकि भारत की जी20 अध्यक्षता के दौरान अफ्रीकन यूनियन को जी20 की स्थायी सदस्यता मिली। नरेंद्र मोदी ने कहाकि भारत और अफ्रीका के देशों ने कोलोनियल नियम के खिलाफ एक सुर में आवाज़ उठाई थी, एकदूसरे को प्रेरित किया था। उन्होंने कहाकि आज हम ग्लोबल साउथ के हितों, उनकी आशाओं, अपेक्षाओं और आकांक्षाओं की आवाज़ बनकर एकसाथ खड़े रहे हैं।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहाकि बीते एक दशक में अफ्रीकी देशों केसाथ हमारे सहयोग में गति आई है, हमारा आपसी व्यापार लगभग 100 बिलियन डॉलर हो गया है, रक्षा सहयोग और समुद्री सुरक्षा पर प्रगति हुई है, पिछले महीने भारत-अफ्रीका केबीच पहला नौसेना समुद्री अभ्यास ‘ऐक्यम्’ किया गया। उन्होंने कहाकि दस वर्ष में हमने अफ्रीका में 17 नए दूतावास खोले हैं, बारह बिलियन डॉलर से अधिक की क्रेडिट लाइंस अफ्रीका केलिए आवंटित की गई हैं, साथही अफ्रीकी देशों को 700 मिलियन डॉलर की ग्रांट सहायता दी गई है। उन्होंने कहाकि 8 अफ्रीकी देशों में व्यवसायिक ट्रेनिंग सेंटर खोले गए हैं, पांच अफ्रीकी देशों केसाथ डिजिटल पब्लिक इंफ्रास्ट्रक्चर में सहयोग कर रहे हैं। उन्होंने कहाकि किसीभी आपदा में हमें अफ्रीकी देशों के लोगों केसाथ कंधे से कंधे मिलाकर ‘प्रथम प्रत्युत्तरकर्ता’ की भूमिका अदा करने का सौभाग्य मिला है। प्रधानमंत्री ने कहाकि भारत और अफ्रीकन यूनियन प्रगति में भागीदार हैं, वैश्विक दक्षिण के स्तंभ हैं। उन्होंने विश्वास व्यक्त कियाकि अंगोला की अध्यक्षता में भारत और अफ्रीकन यूनियन के संबंध नई ऊंचाईयां हासिल करेंगे।

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