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दिल्ली में भारत टेलीकॉम का ऐतिहासिक सम्मेलन

भारत टेलीकॉम भारत की दृढ़ इच्‍छा शक्ति की घोषणा-ज्योतिरादित्य

'मोदी ने देश के बुनियादी ढांचे एवं नीति को प्रगति में बदल दिया'

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Tuesday 6 May 2025 05:07:12 PM

jyotiraditya scindia

नई दिल्ली। संचार और पूर्वोत्तर क्षेत्र विकास मंत्री ज्योतिरादित्य माधवराव सिंधिया ने आज नई दिल्ली में भारत टेलीकॉम-2025 के उद्घाटन पर कहा हैकि भारत टेलीकॉम महज़ एक सम्मेलन नहीं है, बल्कि यह नवाचार, सहयोग और समावेशी विकास के माध्‍यम से वैश्विक संपर्क के भविष्य को आकार देने की भारत की दृढ़ इच्‍छा शक्ति की घोषणा है। उन्होंने कहाकि जब विचार, नवाचार और इच्‍छा शक्ति एक साथ मिलकर सामंजस्य बिठाते हैं, तो वे कोलाहल नहीं, बल्कि एक मधुर तालमेल बनाते हैं और भारत टेलीकॉम वैश्विक सहयोग और अवसर का वह मजबूत आधार है। ज्योतिरादित्य सिंधिया ने प्रगतिशील सुधारों और उत्पादन से जुड़े प्रोत्साहनों द्वारा समर्थित दूरसंचार निर्यातक और नवाचार के केंद्र के रूपमें भारत की बढ़ती भूमिका का उल्‍लेख किया। उन्‍होंने कहाकि हम केवल गांवों को ही नहीं जोड़ रहे हैं, अपितु भविष्य को भी जोड़ रहे हैं, क्योंकि हम जो भी टावर लगाते हैं, जो भी बाइट भेजते हैं, वह 1.4 बिलियन लोगों को अवसर के करीब लाता है।
ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कहाकि भारत टेलीकॉम प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का साहसिक दृष्टिकोण और दृढ़ संकल्प है, जिसने भारत को एक डिजिटल अनुयायी से वैश्विक डिजिटल प्रमुख के रूपमें परिवर्तित कर दिया है और आकांक्षाओं को बुनियादी ढांचे में एवं नीति को प्रगति में बदल दिया है। उन्होंने कहाकि केवल 22 महीने में हमने अपने 99 प्रतिशत गांवों को 5जी से जोड़ दिया है और अपनी 82 प्रतिशत आबादी को नेटवर्क पर ला दिया है, 470,000 टावर लगाए गए हैं, यह विकास नहीं, बल्कि एक दूरसंचार क्रांति है। उन्होंने बतायाकि पूरे भारत में जो डिजिटल हाईवे बनाया है, वह केवल संचार के संदर्भ में नहीं है, यह एक ऐसा मजबूत बुनियादी ढांचा है, जो 1.4 बिलियन नागरिकों को स्वास्थ्य सेवा, शिक्षा, शासन और आर्थिक अवसर तक पहुंच प्रदान करके सशक्त बनाता है। ज्योतिरादित्य सिंधिया ने वैश्विक डिजिटल महाशक्ति के रूपमें भारत के असाधारण उदय पर बल देते हुए इसका श्रेय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के दूरदर्शी नेतृत्व को दिया। उन्होंने बतायाकि भारत ने न केवल 4जी और 5जी जैसे क्षेत्रों में दुनिया केसाथ कदमताल की है, बल्कि अब वह इस क्षेत्र में अग्रणी भूमिका निभा रहा है, जिसमें व्यापक सुधार और तकनीकी नवाचार देशकी प्रगति को आकार दे रहे हैं।
ज्योतिरादित्य सिंधिया ने एक परिवर्तनकारी शक्ति के रूपमें भारत के दूरसंचार क्षेत्र की भूमिका को रेखांकित करते हुए 1990 के दशक में महंगे, सीमित मोबाइल एक्सेस से लेकर अब दुनिया के दूसरे सबसे बड़े दूरसंचार बाज़ार और सबसे सस्ता डेटाप्रदाता बनने तक के देशके विकास की जानकारी भी दी। उन्होंने कहाकि दूरसंचार उपकरण एवं सेवा निर्यात संवर्धन परिषद (टीईपीसी) द्वारा दूरसंचार विभाग (डीओटी) के सहयोग से आयोजित भारत टेलीकॉम-2025 भारत के दूरसंचार विनिर्माण, सेवाओं और निर्यात केलिए वैश्विक केंद्र बनने के दृष्टिकोण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। सम्मेलन के उद्घाटन समारोह में उद्योग जगत की देशी-विदेशी प्रमुख हस्तियां और दूरसंचार मूल्य श्रृंखला के नवोन्मेषक भी उपस्थित थे। भारत टेलीकॉम-2025 का यह दो दिवसीय सम्मेलन है, जिसमें हितधारकों केलिए एक संवादात्मक मंच प्रदान करने के साथ-साथ एक विशेष अंतर्राष्ट्रीय व्यापार प्रदर्शनी भी प्रदर्शित की गई है। संचार राज्यमंत्री डॉ पेम्मासानी चंद्रशेखर ने कहाकि किसी राष्ट्र की यात्रा में ऐसे क्षण आते हैं, जब वह न केवल वैश्विक वार्तालापों में भाग लेता है, बल्कि उनका मार्ग भी निर्धारित करता है, आज भारत न केवल एक बाज़ार या उपभोक्ता के रूपमें, बल्कि विश्वस्तरीय दूरसंचार समाधानों का निर्माता, साझेदार और विश्वसनीय सेवा प्रदाता भी है।
संचार राज्यमंत्री डॉ पेम्मासानी चंद्रशेखर ने कहाकि राष्‍ट्र का परिदृश्‍य ऐतिहासिक रूपसे भारत केलिए निर्मित से भारत द्वारा निर्मित में बदल चुका है। उन्होंने कहाकि भारत वैश्विक दूरसंचार क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण परिवर्तन से गुजर रहा है, जो उपभोक्ता से प्रौद्योगिकी के निर्माता के रूपमें विकसित हो रहा है। उन्होंने कहाकि यह प्रगति एक दशक पहले शुरू की गई डिजिटल इंडिया पहल से प्रेरित थी और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में आगे की सोच वाली सरकारी नीतियों द्वारा समर्थित थी। उत्पादन से जुड़ी प्रोत्साहन योजना, प्रगतिशील स्पेक्ट्रम प्रबंधन और दूरसंचार प्रौद्योगिकी विकास कोष जैसी पहलों का उद्धरण देते हुए उन्होंने घरेलू विनिर्माण, निर्यात और नवाचार में भारत की उल्‍लेखनीय वृद्धि की ओर बढ़ते संकेत दिए। उन्होंने कहाकि भारत अब वैश्विक आपूर्ति श्रृंखलाओं में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है, जिसमें दुनिया के 15 प्रतिशत आईफोन का उत्पादन करना शामिल है। उन्होंने डिजिटल संप्रभुता को मजबूत करने केलिए 6जी नेतृत्व, सैटेलाइट ब्रॉडबैंड विस्तार और क्वांटम संचार नेटवर्क पर देश के भविष्य के ध्‍यान को केंद्रित करने पर जोर दिया।
टीईपीसी के अध्यक्ष अर्नोब रॉय ने स्वागत भाषण में कहाकि भारत टेलीकॉम भारत के स्वदेशी दूरसंचार इकोसिस्‍टम की परिवर्तनकारी शक्ति को प्रदर्शित करता है, जो वैश्विक दूरसंचार उद्योग में हमारी अद्वितीय वृद्धि और नवाचार को दर्शाता है। उन्होंने भारत सरकार की रणनीतिक नीतियों को स्वीकार किया, जिन्होंने दूरसंचार क्षेत्रमें नवाचार और विनिर्माण को बढ़ावा दिया है और प्रतिनिधियों को भारत टेलीकॉम प्रदर्शनी 2025 में नवाचारों का पता लगाने केलिए आमंत्रित किया। भारत टेलीकॉम-2025 की संकल्पना भारत की स्थिति को एक विश्वसनीय और भरोसेमंद दूरसंचार उत्पाद विनिर्माण और निर्यात गंतव्य के रूपमें मजबूत करने केलिए की गई है, जिसमें दूरसंचार उपकरण, आईसीटी सेवाओं और अगली पीढ़ी की डिजिटल प्रौद्योगिकियों में देशकी बढ़ती क्षमताओं को उजागर किया गया है। सम्मेलन में अस्सी से अधिक अग्रणी भारतीय दूरसंचार और आईसीटी कंपनियों ने कई क्षेत्रों में अभिनव उत्पादों और समाधानों का प्रदर्शन किया है। सम्मेलन में 35 से अधिक देशों के 130 से अधिक विदेशी प्रतिनिधियों ने उत्साहपूर्वक अंतर्राष्ट्रीय भागीदारी की हुई है, जिसमें सरकारी निकायों, निजी उद्यमों आदि का प्रतिनिधित्व है। इसमें विषयगत प्रदर्शनियां, सम्मेलन सत्र, उच्च प्रभाव वाली बी2बी बैठकें, रणनीतिक नेटवर्किंग सत्र और ज्ञान-साझाकरण मंच भी शामिल हैं, जो 5जी, ऑप्टिकल फाइबर, ब्रॉडबैंड इन्फ्रास्ट्रक्चर, सैटेलाइट कम्युनिकेशन, आईओटी, एआई-संचालित नेटवर्क आदि जैसी अत्याधुनिक संचार प्रौद्योगिकियों पर केंद्रित हैं।
गौरतलब हैकि भारत सरकार की विदेश व्यापार नीति के अंतर्गत 2009 में स्थापित दूरसंचार उपकरण और सेवा निर्यात संवर्धन परिषद (टीईपीसी) दूरसंचार उपकरणों और सेवाओं के निर्यात को बढ़ावा देने और सुविधा प्रदान करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। इसका कार्यक्षेत्र संपूर्ण दूरसंचार इकोसिस्‍टम तक विस्‍तारित है, जिसमें आईसीटी हार्डवेयर और सॉफ्टवेयर, बुनियादी ढांचा उत्पाद, सिस्टम एकीकरण, परामर्श और सेवा प्रावधान शामिल हैं। टीईपीसी उपकरण निर्माताओं, सिस्टम इंटीग्रेटर्स, सेवा प्रदाताओं और दूरसंचार क्षेत्र में काम करने वाली अन्य संस्थाओं जैसे विविध हितधारकों केलिए एक प्रमुख मंच के रूपमें कार्य करता है।

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