स्वतंत्र आवाज़
word map

लिवरपूल विश्वविद्यालय का बेंगलुरु में कैंपस

शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने विश्वविद्यालय को सौंपा आशय पत्र

अगस्त 2026 से स्नातक व स्नातकोत्तर विषयों का पहला बैच

स्वतंत्र आवाज़ डॉट कॉम

Tuesday 27 May 2025 01:27:16 PM

education minister hands over letter of intent to liverpool university

नई दिल्ली। यूनिवर्सिटी ऑफ लिवरपूल को बेंगलुरु में पहला विदेशी विश्वविद्यालय परिसर खोलने केलिए विश्वविद्यालय अनुदान आयोग से औपचारिक स्वीकृति मिल गई है। अगस्त 2026 में स्नातक और स्नातकोत्तर विषयों के पहले बैच की शुरुआत केसाथ छात्र व्यवसाय प्रबंधन, लेखा और वित्त, कंप्यूटर विज्ञान और जैव चिकित्सा विज्ञान में दाखिला ले सकेंगे। केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने नई दिल्ली में एक कार्यक्रम में लिवरपूल विश्वविद्यालय को आशय पत्र सौंपा। गौरतलब हैकि यह विश्वविद्यालय अनुदान आयोग द्वारा भारत में विदेशी उच्च शिक्षण संस्थानों के परिसरों की स्थापना और संचालन विनियम-2023 केतहत आशयपत्र प्राप्त करने वाला दूसरा विदेशी विश्वविद्यालय है। उल्लेखनीय रूपसे यह गेम डिज़ाइन में भी कार्यक्रम शुरू करेगा, भारत में ब्रिटिश विश्वविद्यालय परिसर केलिए यह अभिनव विषय पेश करने की एक अनूठी पेशकश है। यह समृद्ध वैश्विक आदान-प्रदान के अवसर भी पैदा करेगा, जिससे ब्रिटेन के छात्रों को अंतर्राष्ट्रीय अध्ययन केलिए एक रोमांचक नया गंतव्य मिलेगा।
लिवरपूल विश्वविद्यालय के बेंगलुरु परिसर में शोध केंद्रित माहौल तैयार किया जाएगा, महत्वपूर्ण मौलिक, अनुप्रयुक्त और उद्योग संचालित शोध बेंगलुरु परिसर पर आधारित होंगे, जो वैश्विक व स्थानीय चुनौतियों और जरूरतों की एक श्रृंखला केलिए समाधान प्रदान करेंगे। नियोक्ताओं, सफल छात्रों, उद्यम और उद्यमिता गतिविधियों केलिए बेहतर समर्थन केसाथ विश्वविद्यालय के सुस्थापित संबंध यह सुनिश्चित करेंगेकि छात्रों में सफल करियर या आगे की पढ़ाई केलिए आवश्यक कौशल विकसित हो। भारत में ब्रिटिश उच्चायुक्त सीबी ओबीई लिंडी कैमरून, विश्वविद्यालय अनुदान आयोग के अंतरिम अध्यक्ष और शिक्षा मंत्रालय में उच्च शिक्षा विभाग सचिव डॉ विनीत जोशी, लिवरपूल विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर टिम जोन्स, लिवरपूल विश्वविद्यालय में वैश्विक जुड़ाव और भागीदारी के वाइस चांसलर प्रोफेसर तारिक अली, विदेश मंत्रालय और शिक्षा मंत्रालय एवं विश्वविद्यालय अनुदान आयोग के अधिकारी भी कार्यक्रम में उपस्थित थे। इस अवसर पर रॉयल कॉलेज ऑफ़ ऑब्सटेट्रिशियन एंड गायनेकोलॉजिस्ट, एस्ट्राज़ेनेका फार्मा इंडिया लिमिटेड, यूवीकैन और ड्रीम11 सहित कंपनियों और संगठनों केसाथ भविष्य में सहयोगी के रूपमें काम करने के अवसरों का पता लगाने केलिए तीन महत्वपूर्ण समझौता ज्ञापनों पर हस्ताक्षर भी किए गए।
शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहाकि लिवरपूल विश्वविद्यालय को सौंपा गया आशय पत्र वैश्विक उच्चशिक्षा में भारत के एक विश्वसनीय भागीदार के रूपमें उभरने की पुष्टि करता है। उन्होंने कहाकि यह कदम अग्रणी वैश्विक विश्वविद्यालयों केसाथ अकादमिक साझेदारी को मजबूत करने की दिशा में भारत की एक और महत्वपूर्ण उपलब्धि है। उन्होंने कहाकि यह एक ऐसी आकांक्षा है, जो राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के परिवर्तनकारी दृष्टिकोण में दृढ़ता से अंतर्निहित है। धर्मेंद्र प्रधान ने कहाकि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 2047 तक देश को विकसित बनाने का लक्ष्य रखा है और शिक्षा नीति 2020 का पूरी तरह क्रियांवयन इस महत्वाकांक्षा को सचकर दिखाने की कुंजी है। उन्होंने कहाकि शिक्षा नीति 2020 की प्राथमिक सिफारिशों में जमीनी, भविष्योन्मुखी और वैश्विक शिक्षा प्रमुख है, जिनका उद्देश्य वैश्विक नागरिक तैयार करना है। धर्मेंद्र प्रधान ने अनुसंधान एवं विकास तथा नवाचार जैसे क्षेत्रोंमें ध्यान केंद्रित करने का आग्रह किया और प्रसन्नता व्यक्त कीकि लिवरपूल विश्वविद्यालय नवाचार को बढ़ावा देनेवाले विज्ञान, प्रौद्योगिकी, इंजीनियरिंग और गणित संबंधित अनुसंधान पर फोकस करेगा।
धर्मेंद्र प्रधान ने कहाकि लिवरपूल विश्वविद्यालय भारत में अपना कैंपस खोलने वाला चौथा विदेशी विश्वविद्यालय है। उन्होंने उल्लेख कियाकि इस शैक्षणिक वर्ष तक 15 विदेशी विश्वविद्यालय भारत आएंगे, विशेष रूपसे एसटीईएमबी में। शिक्षा मंत्री ने कहाकि स्थिरता, स्वास्थ्य, कल्याण तथा समृद्धि दुनिया का साझा एजेंडा है और देशके विश्वविद्यालय इसके केंद्र हैं। उन्होंने कहाकि वसुधैव कुटुम्बकम के सिद्धांत केसाथ भारत वैश्विक एजेंडा को आगे बढ़ाने और वैश्विक जिम्मेदारियों को पूरा करने केलिए उपयुक्त स्थान है। उच्च शिक्षा विभाग सचिव डॉ विनीत जोशी ने कहाकि लिवरपूल विश्वविद्यालय का भारत में कैंपस देश की उच्चशिक्षा प्रणाली में चल रहे व्यापक और गहरे परिवर्तन को दर्शाता है और यह रणनीतिक सुधार, अंतर्राष्ट्रीय जुड़ाव और एक मजबूत नीतिगत आधार से संचालित है। उन्होंने उल्लेख कियाकि शिक्षा नीति 2020 ने भारतीय शिक्षा को अधिक समावेशी, विश्वस्तर पर प्रतिस्पर्धी और भविष्य के अनुरूप तैयारी केलिए लक्षित सुधार किए हैं। उन्होंने कहाकि शिक्षा नीति 2020 के परिवर्तनकारी एजेंडे में निहित अंतर्राष्ट्रीयकरण एक मुख्य प्राथमिकता बन गया है, इसमें वैश्विक संपर्क, उच्च मानकों और संस्थागत लचीलेपन पर जोर दिया गया है।
अंतर्राष्ट्रीय विश्वविद्यालय के रूपमें लिवरपूल विश्वविद्यालय में भारतीय छात्रों को वैश्विक गतिशीलता योजना तक पहुंच प्राप्त होगी। यह लिवरपूल और दुनियाभर में शैक्षणिक, व्यावसायिक व व्यक्तित्व विकास केलिए महत्वपूर्ण अवसर और सफल होने केलिए आवश्यक अंतर्राष्ट्रीय परिप्रेक्ष्य प्रदान करेगी। वैश्विक उद्योग मानकों को पूरा करने केलिए तैयार किए गए पाठ्यक्रम और विविध संकाय से पढ़ने वालेछात्र अंतर्राष्ट्रीय नौकरी बाज़ार में प्रतिस्पर्धा करने और वैश्विक कार्यबल में सार्थक योगदान देने केलिए पूरी तैयार होकर स्नातक की डिग्री प्राप्त करेंगे। कार्यक्रम के दौरान 'मुक्त व्यापार समझौता और उसके आगे' तथा 'एंटीमाइक्रोबियल प्रतिरोध की भारत-ब्रिटेन चुनौती' शीर्षक से दो पैनल चर्चाएं भी आयोजित की गईं। लिवरपूल विश्वविद्यालय 1881 में मूल 'लाल ईंट' से स्थापित ब्रिटेन के अग्रणी शोध गहन उच्चशिक्षा संस्थानों में से एक है और इसका वार्षिक कारोबार 708.3 मिलियन पाउंड है। दुनियाभर में शीर्ष 175 विश्वविद्यालयों में लगातार शामिल रहने वाला यह ब्रिटेन के अग्रणी शोध विश्वविद्यालयों के प्रतिष्ठित रसेल समूह का सदस्य है। देश के सबसे बड़े नागरिक संस्थानों में से एकके रूपमें शैक्षणिक विरासत को दर्शाने वाले इस विश्वविद्यालय की पहुंच और प्रभाव वैश्विक हैं।

हिन्दी या अंग्रेजी [भाषा बदलने के लिए प्रेस F12]