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मिजोरम पूर्ण साक्षरता वाला राज्य घोषित

न्यू इंडिया साक्षरता कार्यक्रम के तहत ऐतिहासिक उपलब्धि

शिक्षा राज्यमंत्री और मुख्यमंत्री ने की समारोहपूर्वक घोषणा

स्वतंत्र आवाज़ डॉट कॉम

Wednesday 21 May 2025 02:01:20 PM

mizoram declared a fully literate state

आइजोल। मिजोरम को आधिकारिक तौरपर पूर्ण साक्षरता वाला राज्य घोषित कर दिया गया है। आइजोल में मिजोरम विश्वविद्यालय के ऑडिटोरियम में केंद्रीय शिक्षा राज्यमंत्री एवं कौशल विकास व उद्यमिता राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) जयंत चौधरी और मिजोरम के मुख्यमंत्री लालदुहोमा ने समारोहपूर्वक यह जानकारी दी। उन्होंने इस अवसर पर कहाकि उल्लास-नवभारत साक्षरता कार्यक्रम केतहत शिक्षा केप्रति लोगों की प्रतिबद्धता और वयस्क साक्षरता को बढ़ावा देने वाले स्वयंसेवकों के अथक प्रयासों में यह मील का पत्थर है। जयंत चौधरी ने इस उपलब्धि केलिए मिजोरम के लोगों और मुख्यमंत्री लालदुहोमा को बधाई दी और कहाकि पूर्वोत्तर क्षेत्र शिक्षित, कुशल और आत्मनिर्भर भारत के निर्माण में अग्रणी भूमिका निभाता रहे। मुख्यमंत्री लालदुहोमा ने कहाकि मिजोरम पूर्ण साक्षरता वाला भारत का पहला राज्य बन गया है और यह समारोह समावेशी शिक्षा को बढ़ावा देने और प्रत्येक नागरिक को साक्षरता से सशक्त बनाने में मिजोरम के लोगों और सरकार के सहयोगात्मक प्रयासों का शक्तिशाली प्रमाण है।
गौरतलब हैकि मिजोरम को 20 फरवरी 1987 को राज्य का दर्जा प्राप्त हुआ था। यह प्रदेश 21081 वर्ग किलोमीटर (8,139 वर्ग मील) के भौगोलिक क्षेत्रमें फैला हुआ है। वर्ष 2011 की जनगणना के अनुसार इसकी साक्षरता दर 91.33 प्रतिशत दर्ज की गई थी, जो भारत में तीसरे स्थान पर है। इसीपर काम करते हुए शेष अनपढ़ व्यक्तियों की पहचान करके उन्हें शिक्षित करने केलिए ही उल्लास-नवभारत साक्षरता कार्यक्रम (न्यू इंडिया लिटरेसी प्रोग्राम) लागू किया गया। अगस्त-सितंबर 2023 में राज्यभर में क्लस्टर संसाधन केंद्र समन्वयकों ने घर-घर सर्वेक्षण किया, जिसमें 3026 अनपढ़ लोगों की पहचान की गई, इनमें से 1692 शिक्षार्थी शिक्षण अधिगम गतिविधियों में सक्रिय थे, इस तरह से मिजोरम ने पूर्ण साक्षरता का आंकड़ा पार कर लिया, अर्थात भारत सरकार के शिक्षा मंत्रालय की परिभाषित 95 प्रतिशत से अधिक साक्षरता दर, जिसे पूर्ण साक्षरता के बराबर माना जाता है।
मिजोरम की वर्ष 2023-24 केलिए पीएफएलएस सर्वेक्षण के अनुसार साक्षरता दर 98.20 प्रतिशत है। सामुदायिक भावना का उल्लेखनीय प्रदर्शन करते हुए 292 स्वयंसेवी शिक्षकों ने इस पहल का नेतृत्व किया। इनमें छात्र, शिक्षक, रिसोर्स पर्सन और सीआरसीसी प्रमुख रूपसे शामिल थे। कर्तव्यबोध की गहरी भावना और मिजो सांस्कृतिक मूल्य से प्रेरित होकर उन्होंने पूर्ण साक्षरता हासिल कराने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। न्यू इंडिया साक्षरता कार्यक्रम एक केंद्र प्रायोजित योजना है, जो 2022-2027 तक चालू है। नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 के अनुरूप यह योजना 15 वर्ष और उससे अधिक आयु के उन वयस्कों को लक्षित करती है, जो स्कूल नहीं जा सकते। इस योजना के पांच घटक हैं, जिनमें आधारभूत साक्षरता और संख्या का ज्ञान, महत्वपूर्ण जीवन कौशल, बुनियादी शिक्षा, व्यावसायिक कौशल और सतत शिक्षा शामिल हैं।
न्यू इंडिया साक्षरता कार्यक्रम का उद्देश्य भारत के जन-जन को साक्षर करना है। उल्लास योजना के अंतर्गत अबतक देशभर में 1.77 करोड़ से अधिक शिक्षार्थी आधारभूत साक्षरता एवं संख्यात्मक मूल्यांकन परीक्षा में शामिल हो चुके हैं। उल्लास मोबाइल ऐप पर 2.37 करोड़ से अधिक शिक्षार्थी और 40.84 लाख स्वयंसेवी शिक्षक पंजीकृत हैं। इससे पहले 24 जून 2024 को लद्दाख पूर्ण साक्षरता घोषित करनेवाली पहली प्रशासनिक इकाई बनी थी। समारोह में मिजोरम के स्कूल शिक्षा, उच्च एवं तकनीकी शिक्षा विभाग के मंत्री डॉ वनलालथलाना, मिजोरम सरकार के मुख्य सचिव खिलीराम मीना, स्कूल शिक्षा विभाग के विशेष सचिव डेविड लालथंतलुआंगा और मिजोरम विश्वविद्यालय के छात्र-छात्राएं उपस्थित थीं।

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