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Wednesday 25 June 2025 01:07:23 PM
नई दिल्ली/ पटना। भारत निर्वाचन आयोग ने बिहार में अपनी चुनाव तैयारी शुरू करते हुए बिहार में मतदाता सूची के गहन पुनरीक्षण के अनुदेश जारी किए हैं, जिनका उद्देश्य यह सुनिश्चित करना हैकि सभी पात्र नागरिकों के नाम निर्वाचक नामावली में शामिल हों, ताकि वे अपने मताधिकार का प्रयोग कर सकें, कोईभी अपात्र मतदाता निर्वाचक नामावली में शामिल न हो और निर्वाचक नामावली में निर्वाचकों के नाम जोड़ने या हटाने की प्रक्रिया में पूरी पारदर्शिता लाई जा सके। निर्वाचन आयोग ने वर्ष 2003 में बिहार में मतदाता सूची का गहन पुनरीक्षण किया था। निर्वाचन आयोग का कहना हैकि बिहार में तेजीसे बढ़ते शहरीकरण, पलायन, युवाओं का वोट देने केलिए पात्र होना, मृत निर्वाचकों की सूचना प्राप्त न होना और निर्वाचक नामावली में विदेशी अवैध आप्रवासी के नाम शामिल होने जैसे विभिन्न कारणों से मतदाता सूची गहन पुनरीक्षण करना आवश्यक है, ताकि निर्वाचक नामावलियों की सत्यनिष्ठा और त्रुटिमुक्त निर्वाचक नामावलियों की उपलब्धता सुनिश्चित की जा सके। इस दौरान बूथ लेवल अधिकारी (बीएलओ) सत्यापन केलिए घर-घर जाकर सर्वेक्षण करेंगे।
निर्वाचन आयोग का कहना हैकि वह विशेष पुनरीक्षण करते समय मतदाता के रूपमें पंजीकृत होने की पात्रता और निर्वाचक नामावली में पंजीकरण केलिए निरर्हता के संबंध में उन संवैधानिक और कानूनी प्रावधानों का पूरी सावधानी से पालन कर रहा है, जो भारतीय संविधान के अनुच्छेद 326 और लोकप्रतिनिधित्व अधिनियम-1950 की धारा 16 में स्पष्ट रूपसे निर्धारित हैं। लोकप्रतिनिधित्व अधिनियम-1950 की धारा 23 के अनुसार निर्वाचक के रूपमें नामांकन की पात्रता शर्तों को ईआरओ अपना समाधान हो जाने पर पहले से ही सत्यापित कर लेता था, अब पूर्ण पारदर्शिता सुनिश्चित करने केलिए यह आवश्यक होगाकि जिन दस्तावेजों के आधार पर ईआरओ का समाधान होता है, उन्हें ईसीआई-नेट पर भी अपलोड किया जाए। हालांकि गोपनीयता को ध्यान में रखते हुए ये दस्तावेज केवल अधिकृत चुनाव अधिकारियों केलिए ही सुलभ होंगे। किसीभी राजनीतिक दल या निर्वाचक के किसीभी दावे और आपत्ति के मामले में ईआरओ का समाधान होनेसे पहले एईआरओ इसकी जांच करेगा। इस अधिनियम की धारा 24 केतहत ईआरओ के आदेश के विरुद्ध जिला मजिस्ट्रेट और मुख्य निर्वाचन अधिकारी के समक्ष भी अपील की जा सकती है।
निर्वाचन आयोग ने सीईओ, डीईओ, ईआरओ, बीएलओ को यह ध्यान रखने के विशेष निर्देश दिए हैंकि वास्तविक निर्वाचकों विशेष रूपसे वृद्ध, बीमार, दिव्यांग, ग़रीब और कमजोर समूहों को परेशान न किया जाए, उनके लिए वॉलंटियर्स की तैनाती सहित यथासंभव सुविधा प्रदान की जाए। हालांकि भारत निर्वाचन आयोग हर संभव प्रयास कर रहा हैकि मतदाता सूची पुनरीक्षण प्रक्रिया सुचारू रूपसे पूरी हो और निर्वाचकों को कम से कम असुविधा हो, फिरभी आयोग सभी मतदान केंद्रों में सभी राजनीतिक दलों से अपने बूथ लेवल एजेंट नियुक्त करके इस प्रक्रिया में उनकी सक्रिय भागीदारी की अपेक्षा रखता है। बीएलए की सक्रिय भागीदारी सुनिश्चित करेगीकि विसंगतियां यदि कोई हों तैयारी के चरण में ही दूर कर ली जाएं, जिससे दावे, आपत्तियां और अपील दायर करने के मामलों में कमी आएगी। उल्लेखनीय हैकि किसीभी चुनावी प्रक्रिया में निर्वाचक और राजनीतिक दल, दोनों ही सबसे महत्वपूर्ण हितधारक होते हैं और केवल उनकी पूर्ण भागीदारी से ही बड़े पैमाने पर संचालित होने वाले इस कार्य को सुचारू रूपसे और सफलतापूर्वक संचालित किया जा सकता है।