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हाथी का संरक्षण निरंतर बड़ी चुनौती बन रहा!

देहरादून में केंद्रीय वन मंत्री की प्रोजेक्ट एलीफेंट की समीक्षा बैठक

मानव-वन्यजीव संघर्ष प्रबंधन वन्यजीव संरक्षण पहलों की सफलता

स्वतंत्र आवाज़ डॉट कॉम

Friday 27 June 2025 12:46:35 PM

union forest minister reviewed project elephant in dehradun

देहरादून। देश में मानव और हाथी केबीच संघर्ष निरंतर एक बड़ी चुनौती बना हुआ है। मानव सुरक्षा और हाथी संरक्षण केलिए केंद्रीय पर्यावरण वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्री भूपेंद्र यादव ने इंदिरा गांधी राष्ट्रीय वन अकादमी देहरादून में प्रोजेक्ट एलीफेंट की 21वीं संचालन समिति की बैठक में हाथी प्रवास क्षेत्र वाले राज्यों के वरिष्ठ अधिकारियों, वैज्ञानिकों, प्रक्षेत्र विशेषज्ञों, प्रमुख संरक्षण संस्थानों के प्रतिनिधियों केसाथ प्रोजेक्ट एलीफेंट की प्रगति की समीक्षा की। भारत में हाथी संरक्षण केलिए भावी परिदृश्य पर गहन विचार-विमर्श किया गया और मानव-हाथी संघर्ष पर ध्यान केंद्रित किया गया और मानव-हाथी संघर्ष के प्रबंधन में सामुदायिक भागीदारी पर ज़ोर दिया गया। भूपेंद्र यादव ने वन्यजीव संरक्षण में स्थानीय समुदायों विशेष रूपसे उन क्षेत्रोंमें जो मानव-वन्यजीव संघर्ष से बुरी तरह प्रभावित हैं को सक्रिय भागीदार बनाने के महत्व को रेखांकित किया।
वन मंत्री भूपेंद्र यादव ने कहाकि मानव-वन्यजीव संघर्ष का प्रभावी प्रबंधन वन्यजीव संरक्षण कार्यक्रमों की सफलता केलिए जरूरी है। उन्होंने अग्रिमपंक्ति के वन कर्मचारियों और जमीनीस्तर के संरक्षण कार्यकर्ताओं का कार्य स्थितियों में सुधार और सामाजिक सुरक्षा सुनिश्चित करने का आह्वान किया। उन्होंने मानव-वन्यजीव संघर्ष को कम करने केलिए भारतीय रेलवे, विद्युत मंत्रालय, एनएचएआई और खदान डेवलपर्स केसाथ समन्वित प्रयासों का भी आग्रह किया। उन्होंने कहाकि सलीम अली पक्षी विज्ञान और प्राकृतिक इतिहास केंद्र (एसएसीओएन), भारतीय वन प्रबंधन संस्थान (आईआईएफएम), भारतीय वन्यजीव संस्थान (डब्ल्यूआईआई) और राज्य वन प्रशिक्षण संस्थानों जैसे संस्थानों को जागरुकता और लोकसंपर्क कार्यक्रमों में मिलकर काम करना चाहिए। भूपेंद्र यादव ने रेल दुर्घटनाओं में हाथियों की मौतों पर डेटा के प्रणालीगत संग्रह और विश्लेषण की आवश्यकता तथा राज्यों, संस्थानों एवं विशेषज्ञों केबीच ज्ञान साझा करने के महत्व पर भी जोर दिया, ताकि इन क्षेत्रोंमें सर्वोत्तम कार्य प्रणालियों को बढ़ावा दिया जा सके। प्रोजेक्ट एलीफेंट पर बैठक में दक्षिणी और पूर्वोत्तर भारत में मानव-हाथी संघर्ष पर क्षेत्रीय कार्ययोजना तैयार करना, 3,452.4 किलोमीटर संवेदनशील रेलवे खंडों को कवर करने वाले सर्वेक्षणों को पूरा करना, 77 उच्च जोखिम वाले क्षेत्रों की पहचान की गई और बंदी हाथियों की डीएनए प्रोफाइलिंग की प्रगति में 22 राज्यों में 1,911 आनुवंशिक प्रोफाइल पूरे किए गए हैं।
प्रोजेक्ट एलीफेंट की समीक्षा बैठक में बताया गयाकि पूर्वोत्तर राज्यों में समन्वित हाथियों की आबादी के आकलन का चरण-I पूरा हो चुका है, जिसमें 16500 से अधिक गोबर के नमूने एकत्र किए गए हैं। नीलगिरि हाथी रिज़र्व केलिए मॉडल हाथी संरक्षण योजना पर भी काम चल रहा है, जिसे दिसंबर 2025 तक अंतिम रूप दिए जाने की उम्मीद है। इस दौरान महत्वपूर्ण दस्तावेज जारी किए गए, जिनमें हाथी-ट्रेन टकराव को कम करने केलिए सुझाए उपायों पर रिपोर्ट, असम, झारखंड और छत्तीसगढ़ में 23 वर्ष के मानव-हाथी संघर्ष पर अध्ययन, बंदी हाथियों केलिए सुरक्षित रूपसे दांत की ट्रिमिंग कार्यप्रणालियों पर परामर्शी और प्रोजेक्ट एलीफेंट त्रैमासिक न्यूज़ लेटर ट्रम्पेट का नवीनतम संस्करण शामिल है। समिति ने 12 अगस्त 2025 को तमिलनाडु के कोयंबटूर में विश्व हाथी दिवस समारोह की चर्चा की, जहां गज गौरव पुरस्कार भी प्रदान किए जाएंगे। आगामी कार्यों में नीलगिरि ईसीपी को अंतिम रूप देना, बांधवगढ़ टाइगर रिज़र्व में तीन वर्षीय हाथी ट्रैकिंग अध्ययन की शुरुआत, कैम्पा समर्थन केसाथ हाथी रिज़र्व में प्रबंधन प्रभावशीलता मूल्यांकन का संचालन करना और उदलगुरी परिदृश्य पर ध्यान केंद्रित करते हुए रिपु-चिरांग हाथी रिज़र्व केलिए एक समेकित संरक्षण रणनीति का विकास शामिल है। संचालन समिति ने वन्यजीव संरक्षण केलिए समुदाय आधारित और पारंपरिक ज्ञान आधारित समावेशी दृष्टिकोण केप्रति अपनी प्रतिबद्धता की पुष्टि की।

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