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Sunday 24 August 2025 03:58:55 PM
नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक वीडियो संदेश में राष्ट्रीय अंतरिक्ष दिवस-2025 पर वैज्ञानिकों, युवाओं और अंतरिक्ष कार्यक्रमों से जुड़ी सभी प्रतिभाओं और देश को हार्दिक शुभकामनाएं दीं। उन्होंने कहाकि इसवर्ष का विषय ‘आर्यभट्ट से गगनयान तक’ भारत के अतीत के आत्मविश्वास और भविष्य के संकल्प, दोनों को दर्शाता है। उन्होंने कहाकि बहुत कम समय में राष्ट्रीय अंतरिक्ष दिवस भारत के युवाओं के लिए उत्साह और आकर्षण का अवसर बन गया है, जो राष्ट्रीय गौरव की बात है। नरेंद्र मोदी ने बताया कि भारत वर्तमान में खगोल विज्ञान और खगोल भौतिकी पर अंतर्राष्ट्रीय ओलंपियाड की मेजबानी कर रहा है, जिसमें साठ से अधिक देशों के लगभग 300 युवा विज्ञानी प्रतिभागी भाग ले रहे हैं। उन्होंने प्रसन्नता व्यक्त कीकि इस आयोजन में कई भारतीय प्रतिभागियों ने पदक जीते हैं, यह ओलंपियाड अंतरिक्ष क्षेत्रमें भारत के उभरते वैश्विक नेतृत्व का प्रतीक है। प्रधानमंत्री ने कहाकि युवाओं में अंतरिक्ष केप्रति रुचि बढ़ाने केलिए इसरो ने इंडियन स्पेस हैकाथॉन और रोबोटिक्स चैलेंज जैसी पहलें शुरू की हैं। उन्होंने इन प्रतियोगिताओं में भाग लेनेवाले विद्यार्थियों और विजेताओं को बधाई दी।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहाकि अंतरिक्ष में एकके बाद एक उपलब्धियां हासिल करना भारत और उसके वैज्ञानिकों का स्वाभाविक गुण है। उन्होंने याद कियाकि भारत दो वर्ष पहले चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर पहुंचकर इतिहास रचने वाला पहला देश बना और अब भारत अंतरिक्ष में डॉकिंग-अनडॉकिंग क्षमताएं हासिल करने वाला दुनिया का चौथा देश भी बन गया है। उन्होंने बतायाकि उनकी मुलाकात ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला से हुई, जिन्होंने अंतर्राष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन पर राष्ट्रीय ध्वज फहराया, जिससे हर भारतीय गौरवांवित महसूस कर रहा है। उन्होंने कहाकि जब ग्रुप कैप्टन शुक्ला ने अंतरिक्ष से उन्हें तिरंगा दिखाया, तो उसे छूने का एहसास शब्दों से परे था। नरेंद्र मोदी ने कहाकि ग्रुप कैप्टन शुक्ला केसाथ बातचीत में उन्होंने नए भारत के युवाओं के असीम साहस और अनंत सपनों को देखा। इन सपनों को आगे बढ़ाने के लिए प्रधानमंत्री ने घोषणा कीकि भारत एक अंतरिक्ष यात्री पूल तैयार कर रहा है, उन्होंने युवाओं को इस पूल में शामिल होने और भारत की आकांक्षाओं को उड़ान देने में सहायता प्रदान करने केलिए आमंत्रित किया।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहाकि भारत सेमी क्रायोजेनिक इंजन और इलेक्ट्रिक प्रोपल्शन जैसी महत्वपूर्ण तकनीकों में तेज़ी से आगे बढ़ रहा है और भारतीय वैज्ञानिकों के अथक प्रयासों की बदौलत भारत जल्द ही गगनयान मिशन शुरू करेगा एवं आनेवाले वर्षों में भारत अपना अंतरिक्ष स्टेशन भी स्थापित करेगा। उन्होंने कहाकि भारत पहले ही चंद्रमा और मंगल पर पहुंच चुका है और अब उसे अंतरिक्ष के और भी गहरे क्षेत्रों का अन्वेषण करना होगा, ये अनछुए क्षेत्र मानवता के उज्जवल भविष्य केलिए महत्वपूर्ण रहस्य समेटे हुए हैं, आखिर आकाशगंगाओं से परे हमारा क्षितिज है! नरेंद्र मोदी ने कहाकि अंतरिक्ष का अनंत विस्तार हमें लगातार याद दिलाता हैकि कोई भी मंजिल अंतिम नहीं होती। उन्होंने कहाकि अंतरिक्ष में नीतिगत प्रगति में भी कोई अंतिम लक्ष्य नहीं होना चाहिए, भारत का मार्ग सुधार, प्रदर्शन और परिवर्तन का है। उन्होंने कहाकि पिछले ग्यारह वर्ष में देश ने अंतरिक्ष क्षेत्र में कई बड़े सुधारों को लागू किया है, एक समय था जब अंतरिक्ष जैसे भविष्य के क्षेत्र अनेक प्रतिबंधों से बंधे थे, अब इन बाधाओं को हटा दिया गया है और निजी क्षेत्र को अंतरिक्ष तकनीक में भाग लेने की अनुमति दी गई है।
प्रधानमंत्री ने कहाकि 350 से अधिक स्टार्टअप इस कार्यक्रम में अपनी सक्रिय भागीदारी केसाथ अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी में नवाचार और तेज़ इंजन के रूपमें उभर रहे हैं। प्रधानमंत्री ने घोषणा कीकि निजीक्षेत्र द्वारा निर्मित पहला पीएसएलवी रॉकेट शीघ्र ही प्रक्षेपित किया जाएगा, भारत का पहला निजी संचार उपग्रह भी विकास के अधीन है। उन्होंने कहाकि सार्वजनिक और निजी भागीदारी के माध्यम से एक और पृथ्वी अवलोकन उपग्रह तारामंडल को प्रक्षेपित करने की तैयारी चल रही है। प्रधानमंत्री ने कहाकि अंतरिक्ष क्षेत्रमें भारत के युवाओं केलिए बड़ी संख्या में अवसर सृजित किए जा रहे हैं। लालकिले से 15 अगस्त 2025 को अपने संबोधन का जिक्र करते हुए कहाकि उन्होंने विभिन्न क्षेत्रोंमें आत्मनिर्भरता के महत्व पर बल दिया था, उसीके अनुरूप प्रत्येक क्षेत्र को अपने लक्ष्य निर्धारित करने केलिए प्रोत्साहित किया गया है। भारत के अंतरिक्ष स्टार्टअप्स केलिए एक चुनौती पेश करते हुए नरेंद्र मोदी ने पूछाकि क्या हम अगले पांच वर्ष में अंतरिक्ष क्षेत्र में पांच यूनिकॉर्न बना सकते हैं? उन्होंने कहाकि वर्तमान में भारत अपनी धरती से प्रतिवर्ष 5-6 बड़े प्रक्षेपणों का गवाह बनता है। प्रधानमंत्री ने कहाकि निजीक्षेत्र आगे आए, ताकि भारत अगले पांच वर्ष में हर साल 50 रॉकेट प्रक्षेपित करने की स्थिति में पहुंच सके, सरकार केपास इस परिकल्पना को पूरा करने की इच्छाशक्ति है। प्रधानमंत्री ने अंतरिक्ष समुदाय को आश्वासन दियाकि सरकार हर कदम पर उनके साथ खड़ी है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहाकि भारत अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी को न केवल वैज्ञानिक अन्वेषण के एक साधन के रूपमें देखता है, बल्कि जीवन को सुगम बनाने के एक साधन के रूपमें भी देखता है। नरेंद्र मोदी ने फसल बीमा योजनाओं में उपग्रह आधारित मूल्यांकन, मछुआरों केलिए उपग्रह आधारित सूचना और सुरक्षा, आपदा प्रबंधन अनुप्रयोगों और पीएम गति शक्ति राष्ट्रीय मास्टर प्लान में भू स्थानिक डेटा के उपयोग जैसे उदाहरणों का हवाला दिया। उन्होंने कहाकि अंतरिक्ष तकनीक भारत में शासन का एक अभिन्न अंग बनती जा रही है, अंतरिक्ष में भारत की प्रगति सीधे तौर पर अपने नागरिकों के दैनिक जीवन को आसान बनाने में योगदान दे रही है। प्रधानमंत्री ने बताया कि केंद्र और राज्य सरकारों में अंतरिक्ष तकनीक के उपयोग को और प्रोत्साहन देने केलिए राष्ट्रीय सम्मेलन 2.0 का आयोजन किया गया। उन्होंने ऐसी पहलों को जारी रखने और विस्तारित करने की इच्छा व्यक्त की। प्रधानमंत्री ने अंतरिक्ष स्टार्टअप्स को जनसेवा के उद्देश्य से नए समाधान और नवाचार विकसित करने केलिए प्रोत्साहित किया। उन्होंने इस विश्वास केसाथ अपने संबोधन का समापन कियाकि आने वाले समय में अंतरिक्ष में भारत की यात्रा नई ऊंचाइयों को छुएगी। कार्यक्रम में केंद्रीय मंत्री डॉ जितेंद्र सिंह, इसरो के अधिकारी, वैज्ञानिक, इंजीनियर तथा गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे।