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Saturday 6 September 2025 05:55:49 PM
नई दिल्ली। भारत सरकार ने देश में वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) में व्यापक कमी करने का एक ऐतिहासिक निर्णय लिया है, जिससे सहकारी संस्थाओं, किसानों और ग्रामीण उद्यमों सहित 10 करोड़ से अधिक डेयरी किसानों को सबसे ज्यादा लाभ होगा। सरकार का दावा हैकि ये कर सुधार सहकारी क्षेत्र को और ज्यादा मजबूत बनाएंगे, उनके उत्पादों को अधिक प्रतिस्पर्धी बनाएंगे, उत्पादों की मांग और उनकी आय बढ़ाएंगे। इससे ग्रामीण उद्यमिता बढ़ेगी, खाद्य प्रसंस्करण क्षेत्रमें सहकारिता को प्रोत्साहन मिलेगा और लाखों परिवारों केलिए आवश्यक वस्तुएं किफायती रूपसे उपलब्ध होंगी। जीएसटी दर में कटौती खेती और पशुपालन में लगी सहकारिताओं को लाभ पहुंचाएगी, टिकाऊ खेती की प्रथाओं को बढ़ावा देगी और छोटे किसानों तथा किसान उत्पादक संगठनों को सीधा लाभ देगी। नरेंद्र मोदी सरकार के #NextGenGST रिफार्म का पूरे दुग्ध सहकारी क्षेत्र ने स्वागत किया है, इसमें अमूल जैसे सबसे बड़े सहकारी ब्रांड भी शामिल हैं।
दुग्ध क्षेत्रमें किसानों और उपभोक्ताओं को वस्तु सेवा कर में सीधे राहत दी गई है। दूध और पनीर, चाहे ब्रांडेड हों या बिना ब्रांड, को जीएसटी मुक्त किया गया है। मक्खन घी ऐसे ही और उत्पादों पर जीएसटी 12 प्रतिशत से घटाकर 5 प्रतिशत कर दिया गया है। लोहे, स्टील और एल्युमिनियम से बने दूध के कनस्तरों पर भी जीएसटी 12 प्रतिशत से घटाकर 5 प्रतिशत कर दिया गया है। इससे दुग्ध उत्पाद अधिक प्रतिस्पर्धी होंगे, दुग्ध किसानों को सीधी राहत मिलेगी और विशेषकर दूध प्रसंस्करण में लगी महिला नेतृत्व वाली ग्रामीण उद्यमशीलता तथा स्वयं सहायता समूह को मजबूती मिलेगी। किफायती दुग्ध उत्पाद घर-घरमें आवश्यक प्रोटीन, वसा स्रोत उपलब्ध कराएंगे और दुग्ध सहकारिताओं की आय बढ़ाएंगे। खाद्य प्रसंस्करण और घरेलू वस्तुओं में बड़ी राहत दी गई है जैसे-चीज़, नमकीन, मक्खन और पास्ता पर जीएसटी 5 प्रतिशत कर दिया गया है। जैम, जेली, खमीर, भुजिया और फलों का गूदा/ जूस आधारित पेय पदार्थ अब 5 प्रतिशत जीएसटी पर आएंगे। चॉकलेट, कॉर्न फ्लेक्स, आइसक्रीम, पेस्ट्री, केक, बिस्किट और कॉफी पर भी जीएसटी 18 से घटाकर 5 प्रतिशत कर दिया गया है।
नरेंद्र मोदी सरकार का कहना हैकि जीएसटी कर में रियायत से खाद्य पदार्थों पर घरेलू खर्च घटेगा, अर्धशहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में मांग बढ़ेगी और खाद्य प्रसंस्करण एवं दुग्ध सहकारिताओं की वृद्धि को बढ़ावा मिलेगा। इससे खाद्य प्रसंस्करण और दुग्ध प्रसंस्करण सहकारिताएं तथा निजी डेयरियां मजबूत होंगी और किसानों की आय में वृद्धि होगी, इसके साथही पैकिंग पेपर, डिब्बे और पेटियों पर जीएसटी घटाकर 5 प्रतिशत कर दिया गया है, जिससे सहकारिताओं और खाद्य उत्पादकों केलिए लॉजिस्टिक्स और पैकेजिंग लागत कम होगी। कृषि यंत्र क्षेत्रमें 1800 सीसी से कम क्षमता वाले ट्रैक्टरों पर जीएसटी घटाकर 5 प्रतिशत कर दिया गया है। इससे ट्रैक्टर अधिक किफायती होंगे, इसका लाभ केवल फसल उत्पादक किसानों को ही नहीं, बल्कि पशुपालन और मिश्रित खेती करने वालों को भी मिलेगा, क्योंकि इनका उपयोग चारे की खेती, चारे के परिवहन और कृषि उत्पाद प्रबंधन में किया जा सकता है। ट्रैक्टर के टायर, ट्यूब, हाइड्रोलिक पंप और अनेक पुर्जों पर जीएसटी 18 से घटाकर 5 प्रतिशत किया गया है, जिससे लागत औरभी घटेगी और सहकारिताओं को सीधा लाभ होगा।
उर्वरक क्षेत्रमें अमोनिया, सल्फ्यूरिक अम्ल, नाइट्रिक अम्ल जैसे कच्चे माल पर जीएसटी 5 प्रतिशत कर दिया गया है। इससे कर ढांचा सुधरेगा, उर्वरक कंपनियों की इनपुट लागत घटेगी, किसानों को बुवाई के समय पर किफायती उर्वरक उपलब्ध होंगे। बारह बायोपेस्टीसाइड और अनेक सूक्ष्म पोषक तत्वों पर जीएसटी 5 प्रतिशत कर दिया गया है। इससे जैवआधारित कृषि इनपुट अधिक किफायती होंगे, किसान बायोपेस्टीसाइड की ओर बढ़ेंगे, मिट्टी की सेहत और फसलों की गुणवत्ता बेहतर होगी और छोटे जैविक किसानों तथा एफपीओ को सीधा लाभ मिलेगा। यह कदम सरकार के प्राकृतिक खेती मिशन के अनुरूप है। वाणिज्यिक वाहनों में ट्रक और डिलीवरी वैन जैसे मालवाहक वाहनों पर जीएसटी 18 प्रतिशत कर दिया गया है। ट्रक भारत की आपूर्ति श्रृंखला की रीढ़ हैं और लगभग 65-70 प्रतिशत माल यातायात का वहन करते हैं, इससे ट्रकों की पूंजीगत लागत घटेगी, प्रतिटन किलोमीटर भाड़ा कम होगा और इसका प्रभाव कृषि उत्पादों की ढुलाई को सस्ता बनाने, लॉजिस्टिक्स लागत घटाने और निर्यात प्रतिस्पर्धा बढ़ाने में दिखाई देगा। मालवाहक वाहनों के थर्डपार्टी बीमा पर जीएसटी 12 से घटाकर 5 प्रतिशत कर दिया गया है और इनपुट टैक्स क्रेडिट की सुविधा भी दी गई है, जिससे इन प्रयासों को और बल मिलेगा।