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यूपी बना हरित ऊर्जा में देश का अग्रणी राज्य

'सौर ऊर्जा अपनाएं और अपनी ऊर्जा जरूरतों को पूरा कीजिए'

यूपी की अर्थव्यवस्था को ग्रीन इकोनॉमी बनाएंगे-एके शर्मा

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Thursday 11 September 2025 06:23:16 PM

energy minister ak sharma

लखनऊ। उत्तर प्रदेश सौर ऊर्जा के क्षेत्रमें उत्कृष्ट प्रदर्शन कर रहा है। यह बात राज्य के ऊर्जा एवं नगर विकास मंत्री एके शर्मा ने कही है। वे आज लखनऊ के सेट्रम होटल में पर्यावरण पर आधारित नेट जीरो समिट को सम्बोधित कर रहे थे। उन्होंने बतायाकि जुलाई 2025 में 27771 रूफटाप स्टालेशन केसाथ उत्तर प्रदेश ने देश में प्रथम स्थान हासिल किया है, उत्तर प्रदेश की सौर ऊर्जा विद्युत उत्पादन क्षमता में उल्लेखनीय वृद्धि करते हुए 2025 में 5157 मेगावाट की क्षमता बढ़ाकर शीघ्र ही 10000 मेगावाट क्षमता हो जाएगी, 2017 तक यह क्षमता मात्र 389 मेगावाट थी। ऊर्जा मंत्री ने कहाकि यह उपलब्धि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मार्गदर्शन और प्रदेश सरकार की सौर ऊर्जा नीति-2022 की उल्लेखनीय उपलब्धि है। उन्होंने कहाकि उत्तर प्रदेश ने अपनी सौर ऊर्जा नीति और जैव ऊर्जा नीति समय से प्रख्यापित करके हरित ऊर्जा के क्षेत्र में देश का अग्रणी राज्य बन गया।
ऊर्जा मंत्री एके शर्मा ने कहाकि प्रदेश में सोलर ऊर्जा की असीम सम्भावनाएं हैं, हम अपने घरों की छतों, कम उपयोगी जमीनों तथा राजमार्गों के किनारे सोलर प्लांट लगवा सकते हैं, इसके लिए राज्य और केन्द्र सरकार सब्सिडी भी दे रही है तथा बैंक ऋण उपलब्ध करा रहे हैं। एके शर्मा ने कहाकि सौरऊर्जा से हम न सिर्फ अपनी ऊर्जा जरूरतों को पूरा कर सकते हैं, बल्कि आर्थिक लाभ भी अर्जित कर सकते हैं। उन्होंने कहाकि अयोध्या उत्तर प्रदेश की पहली सोलर सिटी के रूपमें विकसित की गई है, यहां की स्ट्रीट लाइट, सर्किट हाउस सोलर ऊर्जा से संचालित हो रहे हैं, इसके अतिरिक्त यहां सोलरऊर्जा से मोटर वोट भी संचालित किए जा रहे हैं। उन्होंने कहाकि हरित ऊर्जा का विकास समय की आवश्यकता है और उत्तर प्रदेश इस दिशा में योजनाबद्ध तरीके से आगे बढ़ रहा है, हम हरित ऊर्जा के तीव्र विकास केसाथ प्रति व्यक्ति ऊर्जा उपभोग की दर भी बढ़ा रहे हैं, इसके लिए आवश्यकतानुसार थर्मल पावर की उत्पादन क्षमता बढ़ाने का भी कार्य किया गया है।
ऊर्जा मंत्री ने बताया कि विगत तीन वर्ष में पनकी, ओबरा, जवाहरपुर, घाटमपुर और खुर्जा में लगभग 4700 मेगावाट की पांच थर्मल पावर परियोजनाएं लगाई गई हैं, जिनमें उत्पादन शुरू हो गया है तथा 6000 मेगावाट की परियोजनाएं प्रस्तावित हैं। उन्होंने बतायाकि वर्तमान में प्रदेश की कुल विद्युत उत्पादन क्षमता लगभग 21000 मेगावाट है, जो वर्ष 2017 के सापेक्ष लगभग दो गुना है, इसमें थर्मल, सोलर और हाइड्रोपावर भी शामिल है। ऊर्जा मंत्री ने कहाकि आनेवाले कुछ वर्षों में ग्रीन एनर्जी हमारे एमएसएमई सेक्टर की आवश्यकता बन सकती है, इसलिए हमें भावी चुनौतियों के प्रति सजग रहते हुए कार्य करना है। उन्होंने कहाकि हमारी सरकार पर्यावरण को क्षति पहुंचाए बिना ऊर्जा उत्पादन केलिए प्रतिबद्ध है, किंतु इससे पूर्व हमारा उद्देश्य अपने सभी नागरिकों तक ऊर्जा पहुंच और उपभोग का स्तर बढ़ाना है, इसीलिए हम सोलर और हाइड्रो पावर के साथ-साथ थर्मल पावर व बायोपावर का उत्पादन बढ़ाने केलिए कार्य कर रहे हैं। एके शर्मा ने कहाकि विद्युत उत्पादन केसाथ विद्युत वितरण में भी उत्कृष्ट कार्य हुआ है, राज्य की विद्युत इकाइयों का पीएलएफ दर 60 से 80 हुआ है तथा लाइनलास को भी 50 प्रतिशत तक कम किया गया है, इससे उत्तर प्रदेश उत्पादन, ट्रांसमिशन एवं वितरण व्यवस्था में तथा देश में चल रही योजनाओं में अग्रणी राज्य बन गया है।

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