तमिल शिक्षकों ने छात्र-छात्राओं को तमिल लिखना बोलना सिखाया
छात्रों ने कहा केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय की यह अत्यंत उपयोगी पहल हैस्वतंत्र आवाज़ डॉट कॉम
Tuesday 9 December 2025 04:32:03 PM
वाराणसी। भारत की सांस्कृतिक विरासत के संगम काशी-तमिल संगमम् 4.0 की पहल ‘तमिल करकलाम’ यानी आइए तमिल सीखें के अंतर्गत वाराणसी जिले के 50 स्कूलों में तमिल भाषा की कक्षाएं संचालित की जा रही हैं। तमिलनाडु से आए 50 शिक्षकों ने अलग-अलग स्कूलों में छात्रों को तमिल भाषा की बुनियादी जानकारी दी, इनमें माध्यमिक और बेसिक स्कूलों केसाथ-साथ जिले के निजी और कॉन्वेंट स्कूल भी शामिल हैं। विभिन्न पालियों में तमिल शिक्षकों ने छात्र-छात्राओं को तमिल पढ़ाया। इसके अंतर्गत तमिल बोलने केसाथ अक्षर ज्ञान भी कराया जा रहा है। छात्रों को स्कूल में तमिल वर्णमाला, स्वर और व्यंजन की जानकारी दी जा रही है। रोजमर्रा में उपयोग होने वाले वाक्यों जैसे आपका नाम क्या है?, आप किस स्कूल में पढ़ते हैं?, मेरा नाम है, आदि का तमिल में उच्चारण भी सिखाया जा रहा है।
तमिल शिक्षकों के एक दल ने बंगाली टोला इंटर कॉलेज में स्पेशल क्लास लगाई। लगभग दो घंटे चली इस कक्षा में छात्रों को तमिल लिखना और बोलना सिखाया गया। छात्रों ने बतायाकि उनके घर के आसपास तमिलनाडु से बड़ी संख्या में पर्यटक आते हैं, ऐसे में यदि वे तमिल भाषा सीख जाएंगे तो उन पर्यटकों से बातचीत कर सकेंगे और उनकी बातों को बेहतर ढंग से समझ पाएंगे। छात्रों ने कहाकि शिक्षा मंत्रालय की यह पहल अत्यंत उपयोगी है। गौरतलब हैकि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की पहल पर आयोजित यह संगमम् उत्तर और दक्षिण भारत की सांस्कृतिक विरासत के संगम का श्रेष्ठ उदाहरण बन चुका है। प्रतिभागियों का कहना हैकि ‘एक भारत श्रेष्ठ भारत’ भावना इस आयोजन में सजीव रूपसे दिखाई देती है। दो सप्ताह का यह कार्यक्रम तमिलनाडु और काशी केबीच सेतु बनकर सांस्कृतिक एवं बौद्धिक संबंधों को मजबूत कर रहा है। इसमें तमिलनाडु से 1400 से अधिक प्रतिनिधि सात विभिन्न श्रेणियों छात्र, शिक्षक, लेखक, मीडिया प्रतिनिधि, कृषि एवं संबद्ध क्षेत्र, पेशेवर एवं शिल्पकार, महिलाएं और आध्यात्मिक विद्वान भाग ले रहे हैं।