भारत में हर साल धूमधाम से गणतंत्र दिवस मनाया जाता है। इस मौके पर देश के राजपथ पर शक्ति प्रदर्शन के साथ इस दिवस की रस्में अदा की जाती हैं। क्या यह देश जान सकता है कि उसके वे सपने कहां हैं जो भारतीय संविधान को लागू करते हुए देखे गए थे? क्या ये ही वो सपने हैं-आरक्षण, जातिवाद, राग-द्वेष, भाषा और प्रांतवाद, भ्रष्टाचार या अपराध क...

मुलायम और अमर में रिश्तों को लेकर उठे तूफान को अब देर-सवेर निर्णायक तबाही तक पहुंचने से शायद ही कोई रोक पाए। राजनीतिक विश्लेषक कहते हैं कि एक दलाल और एक राजनीतिज्ञ के बीच में एक दिन ऐसा होना ही था। इनमें इतना बड़ा अंतर है कि राजनीतिज्ञ एक राजनीतिज्ञ होता है जबकि दलाल सिर्फ एक दलाल। इसलिए मुलायम सिंह यादव भले ही आज राजनीतिक...
अंग्रेजों को वास्तव में इससे कोई लेना-देना नहीं था क़ि भारतीय यानी हिंदू चिंतन कितना श्रेष्ठ है। उन्हें तो केवल इसमें रुचि थी कि इसे धर्म के रूप में कैसे इस्लाम के खिलाफ खड़ा किया जा सकता है। हिंदू श्रेष्ठता के अहंकार में हिंदू (भारतीय) चिंतक भी उस जाल में फंसते गये, भारतीय सुधारक राजा राममोहन राय भी। इसका एक ही चारा है कि हम फिर से भारत और भारती को अपनाएं और अपनी सोच को पुन: सार्वभौम मानववाद...

कहीं बर्फ से लकदक चोटियां, कहीं शीतल जल धाराएं, तो कहीं गर्म पानी के चश्में। यह सब नजारे हिमाचल में एक साथ मिलते हैं। हिमाचल ने पारिस्थितकीय संतुलन को कायम रखते हुए पर्यटन क्षेत्र में तीव्र गति से प्रगति की है। यहां के लोग अतिथि का आदर-सत्कार करने के लिए बहुत विख्यात हैं, तभी तो हिंसा मुक्त हिमाचल प्रदेश, पर्यटकों के लिए...

महिलाओं के प्रति आसक्ति या मुर्गे की टांग खाना भी दिग्गजों की कुर्सियों के लिए खतरा बनते आए हैं। अपनी संतुष्टी, ब्लैकमेल या किसी अन्य लाभ की आशा में राजनीतिक साजिशें रचने वालों के कारण न केवल समाज और देश संकट में खड़ा दिखाई देता है अपितु एक नहीं बल्कि कई हस्तियों और राजनेताओं का राजनीतिक जीवन समाप्त हो जाता है। देखा जाए...

उत्तर प्रदेश में कड़े राजनीतिक संघर्ष और अपनी ही रणनीतियों के असली सच का आज सामना कर रहे हैं, समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष मुलायम सिंह यादव। वे कहां खड़े हैं? वे धरती-पुत्र के नाम से विख्यात हैं लेकिन आज यह खिताब और उनकी ख्याति दोनों ही ख़तरे मे हैं। उनके सारथी अमर सिंह ने उन्हें ऐसे रास्ते पर लाकर खड़ा कर दिया है कि अब वे...

कांग्रेस इस बात को स्वीकार करती है कि अलग तेलंगाना राज्य के गठन की घोषणा उससे जल्दीबाजी में हो गई है लेकिन इसका अमल ठोक-बजाकर ही किया जाएगा। हड़बड़ी में गड़बड़ी स्वाभाविक है और उसके अपने दुष्परिणाम भी होते हैं। कल तक आंध्र प्रदेश के जो विधायक अलग तेलंगाना राज्य के हिमायती थे, वे अचानक ही उसके विरोधी कैसे हो गए, इसकी तह...

भारत में सत्ता के कमज़ोर नेतृत्व और देश में राष्ट्रीय एकता अखण्डता जैसे मुद्दों पर भी यहां के राजनीतिक दलों में गहरी मतभिन्नता का आखिर कहीं तो नुकसान होना ही है और वह हो रहा है। अंतर्राष्ट्रीय समुदाय में भारत की क्या हैसियत है और शक्तिशाली देश भारत को कितनी तवज्जोह देते हैं यह अमेरिका-चीन की संयुक्त विज्ञप्ति से पता...
यूपी के कैबिनेट सचिव शशांक शेखर सिंह ने सोचा होगा कि एमएलसी सुनील सिंह से भी वे उनका बंगला या उसकी जमीन ले लेंगे लेकिन यह पासा उल्टा पड़ गया है। इसे लेने के लिए जिस प्रकार का दबाव बनाया है वह रिकार्डिंग सुनकर समझा जा सकता है। बंगले के अधिग्रहण की भी वे इशारे-इशारे में धमकी दे रहे हैं। इस टेप मे सबसे अहम बात यह है कि प्रमुख सचिव मुख्यमंत्री शैलेश कृष्ण बड़े ही आत्म विश्वास से कोर्ट की बेंच...

मधु कोडा, देश में कांग्रेस की राजनीति का एक घोर पाप है, जिसका घड़ा धड़ाम से फूटा है। उसने झारखंड में निरीह और भोले-भाले आदिवासियों पर भारी भरकम अजगर छोड़ दिए जिन्होंने झारखंड को लूट-खसोट कर उसे नक्सलियों की आग में जलने को छोड़ दिया। मधु कोडा जैसे दैत्य कभी सर न उठाते यदि कांग्रेस झारखंड में भाजपा को पटकनी देने के लिए राजनीतिक...

आपने लखनऊ में कहा था कि अपन का ऊपर भी इंडियन एक्सप्रेस हाउस रहेगा। किसी संस्थान के प्रति निष्ठा की ऐसी बेजोड़ मिसाल पेश करने वाले प्रभाष जोशी जी आप ठीक ही कह रहे थे। यहां आपकी निष्ठा पर कोई उंगुली नहीं उठा पाया। पत्रकारिता के प्रभाष जोशी युग के अंत होने से अपूर्णनीय नुकसान हुआ है, लेकिन जब-जब देश में हिंदी पत्रकारिता के...

कश्मीररूखसाना कौशर में आतंक का बहादुरी से मुकाबला करने वाली रूखसाना कौशर का हिंदुस्तान कायल हो गया है। उसकी बहादुरी के चर्चे पाकिस्तान अमेरिका, ब्रिटेन जैसे देशों में हो रहे हैं। हर कोई उसे सैल्यूट करता है। जम्मू कश्मीर में न जाने कितनी ऐसी बहादुर लड़कियां होंगी जिनकी भुजाएं आज आतंकवादियों को मौत के घाट उतारने के लिए...

दलित वोटों को अपनी रैयत समझकर उन्हें ठेकेदारों, गुंडों और माफियाओं को बेचती आ रहीं बसपा अध्यक्ष मायावती के भ्रष्टाचार जनित अहंकार का 'मर्दन' करने निकले कांग्रेस महासचिव राहुल गांधी के लिए उत्तर प्रदेश में किसी ताकतवर दलित नेता को आगे किए बिना ऐसा कर पाना संभव नहीं है। राहुल गांधी को कांग्रेस के 'दलित मिशन' के लिए ऐसा दलित...
देश में काम की कमी नहीं है, लेकिन काम आदमियों के लिए नहीं है, मशीनों के लिए है। आम मेहनतकश अनपढ़ लोगों का काम बुल्डोजर जैसी मशीने लेती जा रही हैं और पढ़े-लिखे लोगों का काम कम्प्यूटर लेता जा रहा है। ऐसे में हर हाथ को काम देने और दिला पाने का नारा केवल एक गैरजिम्मेदार व्यक्ति ही उछाल सकता है, जिसने बदली हुई परिस्थितियों का पर्याप्त अध्ययन नहीं किया है। एक याचिका में कहा गया है कि 1750 रुपए प्रत्येक...

बहुजनमायावती और अमर सिंह समाज पार्टी और समाजवादी पार्टी के बीच घटिया दर्जे का वाक-युद्ध अपने चरम पर है। उत्तर प्रदेश्ा की तेईस करोड़ की आबादी पर समय-समय पर राज करने वाली इन दोनों राजनीतिक पार्टियों के शीर्ष नेताओं ने सत्ता को हथियाने और अपना कब्जा बनाए रखने के लिए जिन हथकंडों का इस्तेमाल किया हुआ है उनसे प्रबुद्ध वर्ग...