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Monday 30 June 2025 12:14:36 PM
तिनसुकिया (असम)। केंद्रीय पत्तन पोत परिवहन और जलमार्ग मंत्री सर्बानंद सोनोवाल ने असम के तिनसुकिया उपक्षेत्र में चरित्र निर्माण, राष्ट्रीय एकता और आध्यात्मिक मार्गदर्शन के अटूट मिशन केलिए प्रयासरत प्रजापिता ब्रह्माकुमारीज की स्वर्ण जयंती पर आयोजित उद्घाटन समारोह में भाग लिया। सर्बानंद सोनोवाल ने ब्रह्माकुमारीज संगठन की पचास वर्ष से जारी नि:स्वार्थ सेवाभाव की प्रशंसा की। उन्होंने ब्रह्माकुमारीज संगठन को एक परिवर्तनकारी शक्ति बताया, जो ध्यान, मानवीय मूल्यों और आध्यात्मिक अनुशासन की शक्ति के माध्यम से समाज को नकारात्मकता से दूरकर नैतिकता की ओर ले जा रहा है। सर्बानंद सोनोवाल ने कहाकि बीते पचास वर्ष में प्रजापिता ब्रह्माकुमारीज ने न केवल व्यक्तिगत रूपसे, बल्कि हमारे समाज की आत्मा का भी पोषण किया है। उन्होंने कहाकि उनकी अथक सेवा 'अंत्योदय' के दृष्टिकोण को दर्शाती है-पंक्ति में अंतिम व्यक्ति का उत्थान नरेंद्र मोदी सरकार की प्रतिबद्धता है।
केंद्रीय मंत्री सर्बानंद सोनोवाल ने कहाकि करुणा, चरित्र और हाशिए पर रहे लोगों के सशक्तिकरण से प्रेरित केंद्र सरकार का ‘समावेशी विकास का मॉडल’ ब्रह्माकुमारीज के मूल्यों केसाथ मेल खाता है। सर्बानंद सोनोवाल कहाकि ‘सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास, सबका प्रयास’ केवल एक नारा नहीं है, बल्कि यह एकता और उत्थान केप्रति एक आध्यात्मिक प्रतिबद्धता है। उन्होंने कहाकि बलिदान, धैर्य और नैतिक शक्ति एक मजबूत राष्ट्र के आधार स्तंभ हैं। सर्बानंद सोनोवाल ने मातृ सद्गुणों और राष्ट्रीय चरित्र केबीच समानताएं बताते हुए कहाकि जिस तरह एक मां धैर्य और मूल्यों केसाथ बच्चे का पालनपोषण करती है, ठीक उसी तरह ब्रह्माकुमारी जैसे संगठन चरित्र, आत्मअनुशासन और आत्मसाक्षात्कार का पोषण करके समाज को आकार देते है। उन्होंने कहाकि त्याग और अनुशासन पुराने जमाने के आदर्श नहीं हैं, बल्कि बीते हुए कल के वो गुण हैं, जो सच्ची देशभक्ति और राष्ट्रीय गौरव की नींव रखते हैं।
सर्बानंद सोनोवाल ने कहाकि तेजीसे होरहे तकनीकी और सामाजिक बदलावों केबीच युवाओं का मार्गदर्शन करने की जरूरत है, आज दुनिया में जहां धैर्य की परीक्षा होती है और मूल्यों को लगातार चुनौती दी जाती है, ऐसे में जिसके पास सहनशक्ति है, वही हमारी महाशक्ति है। सर्बानंद सोनोवाल ने उन्हें इसमें शामिल करने केलिए संगठन केप्रति आभार व्यक्त किया तथा भारत के राष्ट्रीय दृष्टिकोण में पूर्वोत्तर के बढ़ते आध्यात्मिक और विकासात्मक महत्व को स्वीकार किया। उन्होंने कहाकि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पूर्वोत्तर को अष्टलक्ष्मी यानी समृद्धि के आठ अवतार कहा है और मेरा मानना हैकि यह क्षेत्र न केवल आर्थिक विकास, बल्कि आध्यात्मिक और नैतिक नेतृत्व में भी अग्रणी रहेगा। सर्बानंद सोनोवाल ने कहाकि अगर हम इन सिद्धांतों के मार्गदर्शन में आगे बढ़ते हैं तो हम एक मजबूत, एकजुट और नैतिक रूपसे सशक्त महा-भारत का निर्माण कर सकते हैं।