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Saturday 21 June 2025 12:45:03 PM
विशाखापत्तनम। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 11वें अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस पर विशाखापत्तनम के समुद्र तट पर कॉमन योग प्रोटोकॉल सत्र में लगभग 5 लाख प्रतिभागियों केसाथ भाग लिया और समन्वित योग प्रदर्शन में राष्ट्र का नेतृत्व किया। भारतभर में योग संगम कार्यक्रम 3.5 लाख से अधिक स्थानों पर एकसाथ आयोजित किए गए। प्रधानमंत्री ने भारत और विश्वभर के लोगों को अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस की शुभकामनाएं दीं और कहाकि भारत ने योग से दुनिया को जोड़ा है। उन्होंने कहाकि योग का सार एकजुट होना है और यह देखना उत्साहजनक हैकि योग ने विश्व को एकजुट किया है। प्रधानमंत्री ने उस क्षण का स्मरण किया, जब भारत ने संयुक्तराष्ट्र में अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस के विचार का प्रस्ताव रखा था, जिसका 175 देशों ने समर्थन किया, जो व्यापक वैश्विक एकता का एक दुर्लभ उदाहरण है। उन्होंने कहाकि यह समर्थन केवल एक प्रस्ताव केलिए नहीं था, बल्कि इसने मानवता की भलाई केलिए दुनिया के सामूहिक प्रयास का प्रतिनिधित्व किया। उन्होंने कहाकि इन ग्यारह वर्ष में योग विश्वभर में लाखों लोगों की जीवनशैली का अभिन्न हिस्सा बन गया है। प्रधानमंत्री ने यह देखकर गर्व व्यक्त कियाकि दिव्यांग व्यक्ति ब्रेल में योग संबंधी पुस्तकें पढ़ रहे हैं और वैज्ञानिक अंतरिक्ष में योगाभ्यास कर रहे हैं। उन्होंने योग ओलंपियाड में ग्रामीण क्षेत्रों के युवाओं की उत्साहजनक भागीदारी का उल्लेख किया। उन्होंने कहाकि चाहे सिडनी ओपेरा हाउस की सीढ़ियां हों, माउंट एवरेस्ट की चोटी हो या समुद्र का विशाल विस्तार हो, संदेश एकही है-योग सभी केलिए है, सीमाओं से परे, पृष्ठभूमि से परे, उम्र या क्षमता से परे है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने विशाखापत्तनम शहर को प्रकृति और प्रगति का संगम बताते हुए अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस कार्यक्रम के शानदार आयोजन केलिए मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू और उपमुख्यमंत्री पवन कल्याण को बधाई दी। प्रधानमंत्री ने आंध्र प्रदेश सरकार की एक उल्लेखनीय पहल-योगांध्रा अभियान की प्रशंसा की। उन्होंने नारा लोकेश के प्रयासों की सराहना की, जिन्होंने प्रदर्शित कियाकि योग एक सामाजिक उत्सव हो सकता है और समाज के हर वर्ग को इसमें शामिल किया जाना चाहिए। नरेंद्र मोदी ने कहाकि पिछले एक से डेढ़ महीने में नारा लोकेश ने योगांध्रा अभियान के जरिए अनुकरणीय प्रतिबद्धता दिखाई है और इसके लिए वे प्रशंसा के पात्र हैं। प्रधानमंत्री ने कहाकि योगांध्रा अभियान में दो करोड़ से अधिक लोग शामिल हुए हैं, जो जन भागीदारी की जीवंत भावना को दर्शाता है। उन्होंने इसवर्ष की अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस की थीम ‘एक पृथ्वी, एक स्वास्थ्य केलिए योग’ पर कहाकि एक गहन सत्य को दर्शाती है, पृथ्वी पर प्रत्येक जीव का स्वास्थ्य परस्पर जुड़ा हुआ है, मानव कल्याण, हमारे भोजन को पैदा करने वाली मिट्टी, हमारे पानी की आपूर्ति करने वाली नदियों, हमारे इकोसिस्टम को साझा करने वाले पशुओं और हमें पोषण देने वाले पौधों के स्वास्थ्य पर निर्भर करता है। उन्होंने कहाकि योग हमें इस अंतर्संबंध केप्रति जागरुक करता है और हमें विश्व केसाथ एकरूपता की दिशा में ले जाता है, योग हमें सिखाता हैकि हम अलग-थलग व्यक्ति नहीं, बल्कि प्रकृति के अभिन्न अंग हैं। उन्होंने कहाकि शुरुआत में हम अपने स्वास्थ्य और कल्याण की देखभाल करना सीखते हैं, लेकिन धीरे-धीरे यह देखभाल हमारे पर्यावरण, समाज और विश्व तक फैल जाती है, योग एक गहन व्यक्तिगत अनुशासन है, जो एक सामूहिक प्रणाली के रूपमें भी कार्य करता है-यह व्यक्तियों को ‘मैं से हम में’ रूपांतरित करता है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहाकि योग शांति का मार्ग प्रशस्त करता है, योग मानवता को सांस लेने, संतुलन बनाने और फिरसे संपूर्ण बनने केलिए आवश्यक पौज बटन है। प्रधानमंत्री ने वैश्विक समुदाय से विशेष आग्रह कियाकि इस योग दिवस को मानवता केलिए योग 2.0 की शुरुआत का प्रतीक बनाएं, जहां आंतरिक शांति वैश्विक नीति बनेगी। उन्होंने कहाकि योग को केवल एक व्यक्तिगत अभ्यास नहीं रहना चाहिए, बल्कि वैश्विक साझेदारी के माध्यम से विकसित होना चाहिए। उन्होंने प्रत्येक राष्ट्र और प्रत्येक समाज से योग को अपनी जीवनशैली एवं सार्वजनिक नीति में शामिल करने का आग्रह किया। उन्होंने योग के वैश्विक प्रसार में सहायता केलिए आधुनिक शोध के माध्यम से योग विज्ञान को सुदृढ़ करने के भारत के प्रयासों को रेखांकित करते हुए कहाकि देश के प्रमुख चिकित्सा संस्थान योग अनुसंधान में सक्रिय रूपसे लगे हुए हैं, जिनका उद्देश्य समकालीन चिकित्सा पद्धतियों के भीतर इसकी वैज्ञानिक प्रासंगिकता स्थापित करना है। उन्होंने कहाकि भारत अपने चिकित्सा और अनुसंधान संस्थानों के माध्यम से योग के क्षेत्रमें साक्ष्यआधारित चिकित्सा को बढ़ावा दे रहा है। नरेंद्र मोदी ने इस दिशामें अनुकरणीय योगदान केलिए नई दिल्ली के अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) की प्रशंसा की, एम्स के शोध निष्कर्षों में योग ने हृदय और तंत्रिका संबंधी विकारों के उपचार केसाथ-साथ महिलाओं के स्वास्थ्य और मानसिक कल्याण में सुधार करने में महत्वपूर्ण प्रभाव प्रदर्शित किया है। नरेंद्र मोदी ने कहाकि राष्ट्रीय आयुष मिशन से योग और स्वास्थ्य के संदेश को पूरे देश में सक्रियतापूर्वक आगे बढ़ाया जा रहा है। उन्होंने कहाकि इसमें डिजिटल तकनीक ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।
योग पोर्टल और योगांध्रा पोर्टल के माध्यम से देशभर में दस लाख से अधिक कार्यक्रम पंजीकृत किए गए हैं, जो देशभर में योग की पहुंच के उल्लेखनीय विस्तार को प्रदर्शित करता है। यह भारत के हर कोने में होनेवाले कार्यक्रमों का स्तर योग के बढ़ते प्रभाव को दर्शाता है। हील इन इंडिया मंत्र की बढ़ती वैश्विक लोकप्रियता को देखते हुए और उपचार केलिए भारत के एक प्रमुख गंतव्य के रूपमें उभरने को रेखांकित करते हुए प्रधानमंत्री ने कहाकि योग इस विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है। उन्होंने कहाकि योगाभ्यास को मानकीकृत करने केलिए एक सामान्य योग प्रोटोकॉल विकसित किया गया है, योग प्रमाणन बोर्ड, जिसने 6.5 लाख से अधिक स्वयंसेवकों को प्रशिक्षित किया है और लगभग 130 संस्थानों को मान्यता दी है। प्रधानमंत्री ने समग्र कल्याण इकोसिस्टम के निर्माण के हिस्से के रूपमें मेडिकल कॉलेजों में 10-दिवसीय योग मॉड्यूल को शामिल करने का भी जिक्र किया। उन्होंने बतायाकि देशभर में आयुष्मान आरोग्य मंदिरों में प्रशिक्षित योग शिक्षकों की नियुक्ति की जा रही है। भारत के कल्याण इकोसिस्टम से वैश्विक समुदाय को लाभ सुनिश्चित करने केलिए प्रधानमंत्री ने विशेष ई-आयुष वीजा के प्रावधान की घोषणा की। मोटापे की समस्या को वैश्विक चुनौती बताते हुए प्रधानमंत्री ने मन की बात कार्यक्रम के दौरान इस विषय पर अपनी विस्तृत चर्चा को याद किया, जिसमें उन्होंने खान-पान में 10 प्रतिशत तक तेल की खपत कम करने की चुनौती का उल्लेख किया था। प्रधानमंत्री ने 11वें अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस पर स्मारक डाक टिकट का भी लोकार्पण किया।
प्रधानमंत्री ने भारत और विश्वभर के नागरिकों से इस पहल में शामिल होनेकी अपनी अपील दोहराई। उन्होंने कहाकि तेल का सेवन कम करना, अस्वास्थ्यकर आहार से बचना और योगाभ्यास करना स्वस्थ जीवनशैली के महत्वपूर्ण घटक हैं। प्रधानमंत्री ने सभीसे योग को जनआंदोलन में बदलने का आह्वान करते हुए कहाकि यह एक ऐसा आंदोलन है, जो विश्व को शांति, स्वास्थ्य और सद्भाव की ओर ले जाएगा। उन्होंने आग्रह कियाकि प्रत्येक व्यक्ति अपने दिन का आरंभ योग से करे, ताकि जीवन में संतुलन आए और प्रत्येक समाज तनाव से मुक्त होने केलिए योग को अपनाए। प्रधानमंत्री ने यह कहते हुए भाषण का समापन कियाकि योग को मानवता को एकसूत्र में पिरोने का काम करना चाहिए, एक पृथ्वी एक स्वास्थ्य केलिए योग को वैश्विक संकल्प बनना चाहिए। अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस कार्यक्रम में आंध्र प्रदेश के राज्यपाल सैयद अब्दुल नज़ीर, आंध्रप्रदेश के मुख्यमंत्री एन चंद्रबाबू नायडू, उपमुख्यमंत्री पवन कल्याण, केंद्रीय कैबिनेट मंत्री राममोहन नायडू किंजरपु, जाधव प्रतापराव गणपतराव, डॉ चंद्र शेखर पेम्मासानी, भूपति राजू श्रीनिवास वर्मा और योगाभ्यासी उपस्थित थे।