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युद्धपोत हिमगिरी भारतीय नौसेना को समर्पित!

स्वदेशी रूप से विकसित और आधुनिक प्रोजेक्ट 17ए का युद्धपोत

देश में युद्धपोत निर्माण में आत्मनिर्भरता का एक सराहनीय प्रतीक

स्वतंत्र आवाज़ डॉट कॉम

Friday 1 August 2025 01:36:17 PM

himgiri dedicated to indian navy service

कोलकाता। युद्धपोत प्रोजेक्ट 17ए का स्वदेशी उन्नत एवं अत्याधुनिक रक्षा विशेषताओं से लैस युद्धपोत हिमगिरी को जीआरएसई कोलकाता में समारोहपूर्वक भारतीय नौसेना सेवा केलिए समर्पित कर दिया गया। भारत की युद्धपोत डिजाइन और निर्माण में आत्मनिर्भरता में मील का पत्थर हासिल करने वाली इस उपलब्धि में हिमगिरि युद्धपोत यार्ड 3022, नीलगिरि श्रेणी परियोजना 17ए का तीसरा जहाज है, जो गार्डन रीच शिपबिल्डर्स एंड इंजीनियर्स में निर्मित इस श्रेणी का पहला पोत है। नौसेना के प्रोजेक्ट 17ए फ्रिगेट बहुमुखी मिशन युद्धपोत हैं, जिन्हें समुद्री इलाके में वर्तमान एवं भविष्य की चुनौतियों से निपटने केलिए तैयार किया गया है। हिमगिरि पूर्ववर्ती आईएनएस हिमगिरि का नया अवतार है, जो एक लिएंडर श्रेणी का फ्रिगेट था, जिसे 30 वर्ष की शानदार राष्ट्र सेवा केबाद 6 मई 2005 को सेवामुक्तकर दिया गया था।
हिमगिरि अत्याधुनिक युद्धपोत नौसैन्य डिजाइन, उन्नत एवं अत्याधुनिक विशेषताओं से लैस विस्तृत मारक क्षमता, स्वचालन तथा उत्तरजीविता में एक बड़ी छलांग को दर्शाता है और युद्धपोत निर्माण में आत्मनिर्भरता का एक सराहनीय प्रतीक है। वॉरशिप डिजाइन ब्यूरो के तैयार किए गए और युद्धपोत निरीक्षण दल कोलकाता की देखरेख में प्रोजेक्ट 17ए फ्रिगेट स्वदेशी जहाज डिजाइन, स्टेल्थ, उत्तरजीविता और लड़ाकू क्षमता में एक पीढ़ीगत छलांग को दर्शाते हैं। एकीकृत निर्माण के दर्शन से प्रेरित यह जहाज मॉड्यूलर और एर्गोनोमिक है और इसका निर्माण निर्धारित समयसीमा के भीतर किया गया है। प्रोजेक्ट 17ए जहाज, प्रोजेक्ट 17 शिवालिक श्रेणी की तुलना में उन्नत हथियार और सेंसर सूट से सुसज्जित हैं। इन जहाजों को संयुक्त डीजल या गैस प्रप्लशन प्लांट्स केसाथ बनाया गया है, इसमें एक डीजल इंजन व गैस टरबाइन शामिल है, जो प्रत्येक शाफ्ट पर एक नियंत्रण योग्य पिच प्रोपेलर और अत्याधुनिक एकीकृत प्लेटफ़ॉर्म प्रबंधन प्रणाली को संचालित करता है।
हिमगिरि युद्धपोत में हथियार समूह में सुपरसोनिक सतह से सतह पर मार करने वाली मिसाइल प्रणाली, मध्यम दूरी की सतह से हवा में मार करने वाली मिसाइल प्रणाली, 76 मिमी गन, 30 मिमी और 12.7 मिमी रैपिड फायर क्लोज जैसी हथियार प्रणालियों का संयोजन है। हिमगिरि मेक इन इंडिया डिजाइन, निर्माण और इंजीनियरिंग कौशल को प्रदर्शित करता है। यह आत्मनिर्भरता की ओर अग्रसर भारतीय नौसेना के निरंतर प्रयासों को दर्शाता है। प्रोजेक्ट 17ए में 75% स्वदेशी सामग्री केसाथ जीआरएसई के 200 से अधिक सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्योग शामिल हैं और इससे लगभग 4000 कर्मियों को प्रत्यक्ष रूपसे तथा 10000 से अधिक कर्मियों को अप्रत्यक्ष रूपसे रोज़गार प्राप्त हुआ।

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